अनूपपुर: मीरा खदान का उत्पादन बंद करने के विरोध में मजदूर संगठनों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी

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अनूपपुर: मीरा खदान का उत्पादन बंद करने के विरोध में मजदूर संगठनों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी


अनूपपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के जमुना कोतमा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित मीरा खदान को बगैर किसी सूचना एवं किसी संवैधानिक प्रक्रिया एवं साजिश कर उत्पादन बंद करने के विरोध में सभी मजदूर संगठनों ने एकजुट होकर कोल प्रबंधन का विरोध करते हुए लगातार दूसरे दिन गुरुवार को महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष संयुक्त मोर्चा का धरना प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन में सभी श्रम संगठनों के अध्यक्ष महामंत्री एवं अन्य पदाधिकारी तथा मीरा खदान के सभी संगठन के पदाधिकारी कार्यकर्ता सहित विभिन्न खदानों के कामगार शामिल हैं।

ज्ञात हो कि संयुक्त मोर्चा ने गत दिनों जमुना कोतमा क्षेत्र के महाप्रबंधक पत्र सौप कर बताया था कि जमुना कोतमा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित मीरा खदान को बगैर किसी सूचना एवं किसी संवैधानिक प्रक्रिया के उत्पादन बंद करने के विरोध में आंदोलन,हड़ताल के बाद भी नहीं माने तो कोयले की जावक बंद की चेतवानी दी थी।

महाप्रबंधक को सौपे गये पत्र में कहा गया था कि 15 दिसंबर से मीरा खदान के उत्पादन को बंद किया गया है एवं मशीनों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिस संदर्भ में आपके द्वारा / प्रबंधन इकाई समिति/क्षेत्रीय समिति / कंपनी समिति से कोई चर्चा नहीं की गई है न ही संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया है। जिससे क्षेत्र की उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ-साथ कार्यरत श्रमिकों के भविष्य को भी प्रभावित कर अंधकार में झोंकने का कार्य किया जा रहा है। जबकि उक्त मीरा खदान पिछले वित्तीय वर्षों में अपने उत्पादन लक्ष्य को भी प्राप्त कर चुकी है एवं जानकारी के अनुसार आज भी प्रर्याप्त मात्रा में कोल रिजर्व है। जिससे खदान का संचालन कर उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ-साथ वहाँ कार्यरत श्रमिकों के भविष्य भी सुरक्षित किया जा सकता है।

संयुक्त श्रम संगठनों ने चेतवानी देते हुए कहा है कि मीरा खदान को संचालित करने की व्यवस्था किया जाय अन्यथा संयुक्त श्रम संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलन के लिये बाध्य होगा जिस पर किसी भी क्षति की संपूर्ण जवाबदेही प्रबंधन की होगी। प्रथम चरण में महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रर्दशन एवं इसके उपरांत हड़ताल / कोल परिवहन बंद किया जायेगा। मीरा खदान बंद करने की साजिश पर संयुक्त मोर्चा ने एक स्वर में संकल्प लिया कि लड़ाई जिस स्तर तक लड़नी पड़े लड़ेंगे पर अब मीरा खदान को बंद नहीं होने देंगे। इस दौरान भारतीय मजदूर संघ से विजय सिंह, रोशन उपाध्याय, संजय सिंह, कोयला मजदूर सभा से श्रीकांत शुक्ला, रमाशंकर तिवारी, कौशलधीश द्विवेदी, एटक से अयाजअली, प्रमोद खंडई, निशा मिश्रा, इंटक से संजय पटेल,रमेश कुशवाहा, फारुख बेग, सीटू से अनिल शर्मा, इंद्रपति सिंह, शारदा सिंह ने मंच को संबोधित किया।

कोयला मजदूर सभा के श्रीकांत शुक्ला एवं सीटू के अनिल शर्मा ने बताया कि मीरा खदान में कोयला ना होने का बहाना बनाकर कोल प्रबंधन इसे बंद करने की साजिश कर रहा है, जबकि मीरा खदान में अभी 9 वर्ष से अधिक का कोयला हैं। इसके पूर्व भी प्रबंधन 9-10 एवं बरतराई खदान को साजिश के तहत बंद कर दिया हैं। जेकिन अब ऐसा नहीं होने देगे। इसके खिलाफ सभी मजदूर संगठन एकजुट होकर कॉल प्रबंधन का विरोध कर रहा हैं, लगातार धरना प्रदर्शन जारी है। सभी ने एक स्वर में प्रबंधन के गलत नीतियों के चलते मीरा खदान को बंद करने की साजिश का विरोध कर रहें हैं। साथ ही भारत सरकार द्वारा लाए गए 4 काले श्रम कानून का पुरजोर तरीके से विरोध किया जा रहा हैं और संकल्प लिया गया कि न मीरा खदान को बंद होने दिया जाएगा न काले श्रम कानून को लागू होने दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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