उज्जैनः लोटी स्कूल परिसर में खड़ी डेढ़ सौ फीट ऊंची चिमनी डेढ़ मिनिट में ढही

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उज्जैनः लोटी स्कूल परिसर में खड़ी डेढ़ सौ फीट ऊंची चिमनी डेढ़ मिनिट में ढही


उज्जैन, 27 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में लोटी स्कूल परिसर में खड़ी द राइजिंग सन फ्लोअर एण्ड ऑइल मिल्स की प्राचीन 150 फीट ऊंची चिमनी को हादसा होने की आशंका के चलते शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा ढहा दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन के पीछे नीलगंगा क्षेत्र में द राइजिंग सन फ्लोअर एण्ड ऑइल मिल्स का संचालन पूणे के परिवार द्वारा किया जाता था। उस समय करीब 19 एकड़ परिसर में फैला यह मिल तत्कालिन मध्यभारत प्रांत में आता था और तत्कालिन सिंधिया रियासत के जमाने में इसकी स्थापना,स्वतंत्रता से पूर्व हुई थी। यहां परिसर में विशाल गोदाम थे वहीं मिल्स में लगे उपकरण तथा भवन का निर्माण वास्तुकला के साथ इंजीनियरिंग के अग्रणी उपयोग को दर्शाते थे।

आज से करीब 85 वर्ष पूर्व हुए निर्माणों में अण्डर ग्राउण्ड वायरिंग थी,जो सीधे ब्रिटिश इंजीनियर्स की देखरेख में लगना बताई जाती थी। इसी से जुड़ी चिमनी और बायलर थे। समय के साथ अन्य निर्माण हट गए लेकिन चिमनी अभी भी खड़ी थी। अधिक ऊंचाई के कारण तथा रहवासी बस्ती एवं समीपस्थ स्कूल परिसर होने से जिला प्रशासन ने इस चिमनी को आमजन के हित में ढहाने के निर्देश दिए थे।

शनिवार को ख्यात ब्लास्टिंग विशेषज्ञ शरद सरवटे,इंदौर ने इसे बारूद लगाकर ढहा दिया। मौके पर शरद सरवटे ने बताया कि इस करीब 150 फिट ऊंची चिमनी का बॉटम में घेरा करीब 36 फिट था। ईटों से जुड़ाई इतनी मजबूत थी कि इसके बॉटम एरिया को जेसीबी से एक तरफ से खोदना शुरू किया गया। इसके बाद इसमें कुल 200 जगहों पर छेद करके 20 किग्रा बारूद लगाा गया। बारूद में जब डिटोनेटर की सहायता से विस्फोट किया गया तो करीब डेढ़ मिनिट में यह चिमनी जमींदोज हो गई। मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। वहीं प्रशासन के निर्देश पर नगर निगम की ओर से अधीक्षण यंत्री संतोष गुप्ता,कार्यपालन अभियंता एलपी साहू,निगम उपयंत्री मुकुल मेश्राम आदि उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि इसी से कुछ दूरी पर एक ओर मिल थी, जिसका परिसर जिला प्रशासन ने सिंहस्थ-2016 में सडक़ चौड़ीकरण में ले लिया था। तत्कालिन कलेक्टर कविंद्र कियावत ने मिल की चिमनी को यथावत रखा था,जो आज भी नीलगंगा मार्ग पर खड़ी है। यहां चिमनी से जानमाल की हानि का अंदेशा नहीं था। लोटी स्कूल परिसर में खड़ी चिमनी के कारण कभी भी हादसा होने की आशंका बनी रहती थी,इसलिए इसे ढहाया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल

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