थैलेसीमिया की बीमारी थैलेसीमिया व सिकिलसेल पर जबलपुर में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
जबलपुर, 24 अगस्त (हि.स.)। थैलेसीमिया जन जागरण समिति मप्र के द्वारा मानस भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला संचालित हो रही है। जिसमें पहले दिन 24 अगस्त को थैलेसीमिया की बीमारी को कैसे रोका जाए और जो पीडि़त हैं वह स्वंय और उनके परिजन उनकी किसी प्रकार से देखरेख करें, इस संबंध की महत्वपूर्ण जानकारियां भारत देश के विभिन्न प्रदेश से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दीं। वहीं 25 अगस्त को विभिन्न राज्यों व जिलों से आई सामाजिक संस्थाओं को थैलेसीमिया, सिकिलसेल और रक्तदान के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन स्व: गुरूशरण कौर और अनुश्री घोष की स्मृति में किया जा रहा है।
विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान बताया कि थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसे जागरूकता से रोका जा सकता है और इसके लिए सरकार, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, शासन-प्रशासन और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से चलाए जाने वाले जनजागरूकता अभियान के माध्यम से दुनिया में थैलेसीमिया व सिकिलसेल की बीमारी को आगे बढऩे से रोका जा सकता है। इसके लिए सबसे पहला कदम नव युवक व युवती के विवाह के पूर्व थैलेसीमिया की जांच को अनिवार्य करना होगा और वहीं गर्भधारण करने वाली महिला की थैलेसीमिया की जांच को भी जरूरी करने की नितांत आवश्यकता है, इन प्रयासों से दुनियों में थैलेसीमिया व सिकिलसेल से नए पीडि़त बच्चों को आने से रोका जा सकेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
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