मप्र विस चुनावः सुरजेवाला ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर शिवराज सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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मप्र विस चुनावः सुरजेवाला ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर शिवराज सरकार पर लगाए गंभीर आरोप


भोपाल, 3 नवंबर (हि.स.)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सुरजेवाला ने भर्ती परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई पत्रकारवार्ता में सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कि चार अप्रैल को ग्वालियर में इस संदर्भ में क्राइम ब्रांच ने प्रकरण दर्ज किया था, लेकिन 25 अप्रैल तक परीक्षा चलती रही। युवाओं के आक्रोश को देखते हुए शिवराज सरकार ने जांच आयोग तो गठित किया, पर अब तक उसकी रिपोर्ट ही नहीं आई। उन्होंने दावा किया कि पटवारी भर्ती घोटाला भाजपा सरकार की जानकारी में हुआ और इसे रोकने के स्थान पर चलने दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने भर्ती घोटालों की जांच कराई जाएगी और दोषी कोई भी हो, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।

कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने ग्वालियर क्राइम ब्रांच द्वारा की गई प्राथमिकी के हवाले से बताया कि यह चार अप्रैल 2023 को ही पता चल गया था कि पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाला किया जा रहा है। वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर दूसरों के बिठाने का काम भी हुआ। कुछ आरोपितों से लैपटाप, बायोमेट्रिक मशीन सहित अन्य सामग्री जब्त की गई। इससे प्रश्न यह उठता है कि जब चार अप्रैल 2023 को ही घोटाले के प्रमाण मिल गए थे, तो भी परीक्षा जारी रखकर इसे क्यों होने दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में यह पूरा घोटाला हुआ था, इसलिए प्रदेश स्तर पर व्यापक जांच नहीं कराई गई। गुपचुप चालान भी प्रस्तुत कर दिया गया। परीक्षा में 9,78,266 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। 30 जून 2023 को परिणाम जारी किया गया, जिसमें 8,600 अभ्यार्थियों का चयन हुआ। प्रावीण्य सूची में दस में से सात अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र एक ही कालेज में था। कई अभ्यर्थी ऐसे भी थे जो वनरक्षक भर्ती परीक्षा में फिट थे, जबकि उन्होंने पटवारी भर्ती परीक्षा में खुद को दिव्यांग बताया और दिव्यांग कोटे में उनका चयन हुआ।

सुरजेवाला ने कहा कि मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (नया नाम कर्मचारी चयन मंडल) के माध्यम से भाजपा सरकार ने 23 भर्ती-प्रवेश परीक्षाओं में घोटाला किया। पहला मामला खंडवा, छतरपुर, भोपाल, इंदौर में प्राथमिकी दर्ज हुई। कुल 23 भर्ती-प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ियां की गईं। मेडिकल और डेंटल टेस्ट के नाम पर निजी मेडिकल और डेंटल कालेजों में सीटें बेची गईं। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने शपथ पत्र देकर कहा था कि डीमेट घोटाला व्यापमं से भी बड़ा है। फर्जी नर्सिंग कालेज घोटाले पर तो न्यायालय की टिप्पणियां आंख खोलने वाली हैं। इससे साफ है कि प्रदेश में युवाओं के भविष्य से बड़ा खेल खेला गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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