सुजल-शक्ति अभियान: जल संरक्षण और सामुदायिक जागरूकता की मिसाल

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सुजल-शक्ति अभियान: जल संरक्षण और सामुदायिक जागरूकता की मिसाल


- चौथे दिन दस्तक धारा दिवस पर हर घर पहुंकर ग्रामीणों को किया जागरूक

भोपाल, 01 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन अन्तर्गत सुजल-शक्ति अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी थीम जल हमारा–जीवन धारा रखा गया है। यह अभियान 28 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। इसमें चिन्हित ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति को सतत् और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। अभियान का प्रमुख उद्देश्य, हर घर को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के साथ जल संसाधनों के प्रबंधन में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देना है।

इस अभियान में ग्रामीण जल प्रणालियों को बेहतर बनाना, जल गुणवत्ता की नियमित जांच करना और समुदायों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जल-जीवन मिशन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से अभियान संचालित किया जा रहा है। इसकी विशेष बात यह है कि इसमें सामुदायिक भागीदारी पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे स्थानीय जल प्रबंधन को मजबूत किया जा सके और जल संकट से निपटने के लिए स्थायी समाधान खोजे जा सकें।

दस्तक-धारा दिवस की गतिविधियाँ

अभियान के चौथे दिन, 1 अक्टूबर 2024 को 'दस्तक-धारा दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है, जिसके तहत समुदाय में जल संरक्षण, सतत जल आपूर्ति और सामुदायिक जिम्मेदारियों को लेकर जागरूकता के लिये गतिविधियां की जा रही हैं।

दिन की शुरुआत जल कर, उसकी गणना, वास्तविक प्राप्ति, और 24x7 जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के वस्तुस्थिति की समीक्षा से हुई। चिन्हित ग्रामों में ‘हर घर जल गांव प्रमाणीकरण’ प्रक्रिया की जानकारी जुटाई गई। साथ ही, हम, जल साथी अभियान के तहत उन परिवारों की पहचान की गई जिन्होंने जल प्रबंधन चैंपियन के मानदंड पूरे किए हैं। इन परिवारों को हरे स्टिकर देकर सम्मानित किया गया, जिससे अन्य परिवार भी जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाने के लिये प्रेरित हों।

सामुदायिक सहभागिता पर जोर

दस्तक-धारा दिवस के लिये गठित टीम ने घर-घर जाकर परिवारों से संपर्क किया और उन्हें जल जीवन मिशन के लाभ और महत्व के बारे में बताया। परिवारों को नियमित जल प्राप्ति के लिए जल-कर के महत्व को समझाया गया और साथ ही, जल स्रोतों की सुरक्षा और टिकाऊ जल प्रबंधन के महत्व को भी साझा किया।

अभियान में ग्राम जल और स्वच्छता समिति, स्वयं सहायता समूह, पंप ऑपरेटर, एनजीओ साझेदार, युवा स्वयं-सेवक, जन अभियान परिषद और एनएसएस सदस्य सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। फॉलो-अप गतिविधियों के तहत, हम जल साथी स्टिकर प्राप्त परिवारों को के अलावा अन्य परिवारों को स्थायी जल प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही, जल कर एकत्र करने और उन परिवारों से संवाद किया गया जिन्हें इसके भुगतान में कठिनाई हो रही है।

अभियान की सफलता की दिशा में कदम

सुजल-शक्ति अभियान से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, बल्कि जल संसाधनों के संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। 'दस्तक-धारा दिवस' के माध्यम से जल संरक्षण की दिशा में की गई यह पहल आने वाले समय में जल संकट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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