चिकित्सा, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल महाविद्यालयों में स्टाफ एवं अधोसंरचना को सुदृढ़ करें: शुक्ल

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चिकित्सा, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल महाविद्यालयों में स्टाफ एवं अधोसंरचना को सुदृढ़ करें: शुक्ल


चिकित्सा, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल महाविद्यालयों में स्टाफ एवं अधोसंरचना को सुदृढ़ करें: शुक्ल


- उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने की चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा

भोपाल, 2 जनवरी (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ सुदृढ़ करने के लिए कुशल चिकित्सकीय एवं सहायक चिकित्सकीय स्टाफ तैयार करना और उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए चिकित्सकीय, नर्सिंग और पैरामेडिकल विश्वविद्यालयों का सुचारू संचालन, अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण एवं पर्याप्त शैक्षणिक और सहायक स्टाफ़ की उपलब्धता अनिवार्य है।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल मंगलवार को मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बैठक में कहा कि प्रदेश में संचालित 14 मेडिकल कॉलेज के संचालन, केंद्र द्वारा पोषित छह मेडिकल कॉलेज के निर्माण, राज्य द्वारा पोषित चार और प्रस्तावित 12 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति करने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने संचालित कॉलेजों में यूजी और पीजी कोर्स में सीटों की वृद्धि के लिये अधोसंरचना विकास कार्य की कॉलेजवार समीक्षा की एवं शीघ्र पूर्ति के निर्देश दिये, जिससे सीट वृद्धि का कार्य जल्दी किया जा सके।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने महाविद्यालयों में वित्तीय शक्तियों के प्रत्यायोजन के निर्देश दिये जिससे महाविद्यालय स्तर में हितलाभ एवं प्रोत्साहन राशि वितरण तेजी से हो सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा, स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर आई इंदौर तथा स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी डिजीस जबलपुर में रिक्त पदों की जल्द पूर्ति हेतु निर्देशित किया।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों की समीक्षा कर निर्देश दिये कि नर्सिंग कॉलेज के साथ हॉस्टल का निर्माण भी किया जाये। पुराने कॉलेज एवं जर्जर हो चुके भवनों की मरम्मत के लिये भी व्यवस्थाएँ की जायें। उप मुख्यमंत्री ने केंद्र से समन्वय कर विषयों की जानकारी प्राप्त की, जिससे इनका शीघ्र निराकरण हो सके।

उन्होंने विभागीय परिषदों मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन परिषद, मध्यप्रदेश पैरामेडिकल परिषद, मध्यप्रदेश चिकित्सा परिषद के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने हिन्दी में एमबीबीएस कोर्स संचालन की समीक्षा के दौरान आगामी वर्षों के कोर्स में भी हिन्दी भाषा में मुहैया कराने की कार्य प्रगति की समीक्षा की। बताया गया कि हिन्दी में एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष की पठन सामग्री लगभग तैयार है।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त गोपाल चन्द्र डाड, चिकित्सा शिक्षा सचिव सुरभि गुप्ता, अपर सचिव डॉ पंकज जैन सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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