शहडोल में प्रदेश की 7वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 16 जनवरी को

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शहडोल में प्रदेश की 7वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 16 जनवरी को


संसाधनों से समृद्ध और निवेश संभावनाओं से परिपूर्ण है शहडोल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल, 6 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) आगामी 16 जनवरी को शहडोल में आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार देर शाम अपने बयान में कहा कि कहा कि शहडोल जिले में समृद्ध खनिज संपदा, सांस्कृतिक विरासत और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के चलते औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं है। प्राकृतिक संसाधनों और औद्योगिक अवसरों से परिपूर्ण इस क्षेत्र में अब औद्योगिक निवेश के नए द्वार खुलेंगे। शहडोल में 16 जनवरी को आयोजित होने वाली प्रदेश आरआईसी इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो क्षेत्रीय विकास के साथ औद्योगिक विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।

प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र है शहडोल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि खनिज संपदा से भरपूर शहडोल जिला भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है और यहां की भूमि फायर क्ले, मीथेन गैस और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों से समृद्ध है। सोहागपुर कोलफील्ड, जो एशिया के सबसे बड़े कोयला भंडारों में से एक है, ऊर्जा उत्पादन और खनन उद्योगों के लिए शहडोल को रणनीतिक महत्व प्रदान करता है। यहां की वन संपदा, जैव विविधता और जैविक उत्पाद इसे वन आधारित उद्योगों और औषधीय उत्पादों के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान बनाती है। शहडोल की भौगोलिक स्थिति इसे औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। यह जिला मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से जोड़ता है। बेहतर सड़क और रेलवे नेटवर्क होने से यह क्षेत्र व्यापार और माल परिवहन के लिए उपयुक्त है। यह क्षेत्र औद्योगिक क्लस्टर के रूप में विकसित होने की क्षमता भी रखता है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग वर्ष’ के रूप में घोषित किया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य को निवेश और औद्योगिक विकास का हब बनाना है। मुख्यमंत्री का विजन है कि शहडोल जैसे खनिज संसाधन संपन्न क्षेत्र को औद्योगिक और आर्थिक केन्द्र में विकसित किया जाए। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रगतिशील नीतियों को लागू किया है। इनमें सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली, भूमि और कर प्रोत्साहन, विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और औद्योगिक पार्कों की स्थापना शामिल है।

औद्योगिक विकास की नई संभावनाएँ होंगी सृजित

शहडोल रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (RIC) से निवेश और औद्योगिक विकास के लिए नई संभावनाएं सृजित होंगी। इस कॉन्क्लेव में निवेशक, उद्यमी और नीति-निर्माता मिलकर क्षेत्र की क्षमताओं और संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे। यह आयोजन न केवल शहडोल की औद्योगिक क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेश मानचित्र पर स्थापित करने में भी मदद करेगा। फरवरी-2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट शहडोल की औद्योगिक संभावनाओं को वैश्विक मंच पर ले जाने का एक और बड़ा अवसर होगी। इस समिट में राज्य सरकार का ध्यान शहडोल को ऊर्जा, खनिज और पर्यटन आधारित उद्योगों के लिए एक प्रमुख निवेश स्थल के रूप में प्रस्तुत करने पर केंद्रित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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