जबलपुरः चित्रकला में खिल उठी प्रदेश की समृद्ध विरासत

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जबलपुरः चित्रकला में खिल उठी प्रदेश की समृद्ध विरासत


- विश्व धरोहर सप्ताह पर रानी दुर्गावती संग्रहालय में चित्रकला प्रतियोगिता सम्पन्न

- छह स्कूलों के 140 कलाकारों ने दिखाई प्रतिभा

जबलपुर, 23 नवंबर (हि.स.)। प्रदेश की समृद्ध विरासत को सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करने वाले संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के तत्वावधान में आयोजित विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत रानी दुर्गावती संग्राहलय में गुरुवार को चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। स्पर्धा में छह स्कूलों के 140 छात्र-छात्राओं ने प्राचीन प्रतिमाएं विषय पर अपनी चित्रकला का प्रदर्शन किया।

पुरातत्व उप संचालक केएल डाभी ने बताया कि स्पर्धा के सभी प्रतिभागियों को पहले रानी दुर्गावती संग्रहालय की 200 से अधिक प्रतिमाओं को दिखाया गया। इसके बाद नन्हे कलाकारों ने अपनी कल्पनाओं के रंग उकेरे। विशेषज्ञों ने चित्रों का अवलोकन कर श्रेष्ठ तीन चित्रों का चयन उन्हें पुरस्कृत किया।

डाभी ने बताया कि रानी दुर्गावती संग्रहालय महाकोशल-विंध्य सहित प्रदेश के बड़े भू-भाग की सांस्कृतिक विरासत प्राचीन प्रतिमाओं के रूप में सहेजे हुए है। यहां पहली से लेकर अठारहवीं शताब्दी तक की अनमोल प्रतिमाएं हैं। प्रतियोगिता में सेंट नाबर्ट स्कूल, आर्य समाज कन्या शाला, पीएम केन्द्रीय विद्यालय, बड़ी नवीन स्कूल, मानकुवारी हंसा हाई स्कूल बरेला तथा प्रतिभा स्थली स्कूल तिलवारा के 140 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

इनके चित्रों को मिला पुरस्कार :-

चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम और द्वितीय पुरस्कार क्रमश: प्रतिभा स्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की अग्रिमा जैन (नवमीं) एवं अवनी जैन (आठवीं) को तथा तृतीय पुरुस्कार केंद्रीय विद्यालय ,सीएमएम की अराध्या चौकसे (छठवीं) को मिला। सांत्वना पुरस्कार मानकुवारी हंसा हाई स्कूल बरेला की सायना खान (दसवीं), प्रतिभा स्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की छात्रा तथा सेंट जोसेफ कान्वेंट की ओश जैन (नवमीं) को दिया गया। गुंजन गुप्ता, सोमेश कुमार सोनी, जगदीश कुमार और ऋतुराज श्रीवास्तव स्पर्धा के निर्णायक रहे।

पहली से लेकर अठारहवीं शताब्दी तक की अनमोल प्रतिमाएं :-

पुरातत्व उपसंचालक डाभी ने बताया कि रानी दुर्गावती संग्रहालय महाकोशल-विंध्य सहित प्रदेश के बड़े भू-भाग की सांस्कृतिक विरासत प्राचीन प्रतिमाओं के रूप में सहेजे हुए है। यहां पहली से लेकर अठारहवीं शताब्दी तक की अनमोल प्रतिमाएं हैं। चित्रकला प्रतियोगिता में सेंट नाबर्ट स्कूल, आर्य समाज कन्या शाला, पीएम केन्द्रीय विद्यालय, बड़ी नवीन स्कूल, मानकुवारी हंसा हाई स्कूल बरेला तथा प्रतिभा स्थली स्कूल , तिलवारा के 140 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

इंदौर में हेरिटेज वाक तो धार के प्राचीन किले में आयोजन:-

संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय की आयुक्त उर्मिला शुक्ला ने बताया कि आयोजित विश्व धरोहर सप्ताह (19 से 25 नवंबर) के अंतर्गत प्रदेश भर में अलग-अलग कार्यक्रम हो रहे हैं। भोपाल में वैष्णव प्रतिमाओं की छायाचित्र प्रदर्शनी आयोजित की गई वहीं शुक्रवार को धरोहर संरक्षण विषय पर व्याख्यान माला आयोजित हुई। छतरपुर के घुबेला महल में सिक्कों की कहानी प्रदर्शनी लग चुकी है जबकि धार के प्राचीन दुर्ग पर भीम बैठका के शैलचित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। धरोहर संरक्षण को लेकर व्याख्यान माला का आयोजन इंदौर के राजवाड़ा में किया जा चुका है वहीं इस विषय पर मोती महल, ग्वालियर में विषय विशेषज्ञ अपना अनुभव साझा करेंगे । विश्व धरोहर सप्ताह का समापन इंदौर में हैरिटेज वाक तथा भोपाल स्थित राज्य संग्रहालय में चित्रकला प्रतियोगिता के साथ होगा। प्रदेश के पर्यटन के विकास तथा बच्चों में पुरातत्व और समृद्ध विरासत की समझ को परिपक्व करने के उद्दश्य से धरोहर सप्ताह मनाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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