वन्देमातरम गीत के द्वारा देश में आजादी का अलख जगाया श्री अरविंद ने
उज्जैन, 12 दिसंबर (हि.स.)। अरविंद ने वंंदेमातरम् गीत के द्वारा देश में आजादी का अलख जगाया। उन्होंने सावित्री जैसे ग्रंथ की रचना की वही वैदिक काल से आधुनिक काल तक भारतीय दर्शन का उल्लेख किया। यह बात अरविन्द दर्शन के अध्येता डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने कही। वे शुक्रवार को श्री अरविंद सोसायटी पुद्दुचेरी, शाखा उज्जैन द्वारा इंदौर रोड स्थित श्री अरविंद योग शक्ति पीठ पर श्री अरविंद के दिव्य देहांश प्रतिष्ठापन की 13वीं वार्षिकी अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ.चांदनीवाला ने श्रीअरविन्द एवं भारत का मस्तिष्क विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत का मस्तिष्क दुनिया से भिन्न है। श्री अरविंद भारत का मस्तिष्क है। उन्होंने सावित्री जैसे ग्रंथ की रचना की। वन्देमातरम गीत के द्वारा देश में आजादी का अलख जगाया।
समापन अवसर पर श्री माँ के सानिध्य में पुद्दुचेरी में दीक्षित वरिष्ठ साधक सुरेन्द्र सिंह चौहान ने सावित्री के संदर्भ में विचार व्यक्त किए। श्रीअरविंद सोसाइटी पुदुचेरी कार्यसमिति सदस्य कैवल्य भाई स्मार्त, सूरत ने अपने श्रीअरविंद के प्रसंगों का उल्लेख किया। स्वामी असंगानंद ने भगवत कृपा के प्रकारों को बताया। कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए संस्थाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने श्री अरविंद के जीवन वृत, उनके साहित्य एवं आश्रम की दिव्यानुभूतियों को उपस्थिजन के बीच रखा। श्री अरविंद पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने भागवत चेतना की बात कही।
इंदौर ग्रामीण डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने विज्ञान और कला की बात करते हुए श्रीअरविंद दर्शन की चर्चा की। इस अवसर पर दिव्यांश स्थल पर ध्यान किया गया। सुखदेव सभागार में मां भगवती की आराधना एवं सावित्री पाठ का वाचन डॉ.लतिका व्यास, उर्वशी पण्ड्या एवं आनंद मोहन पंड्या ने किया। ,समापन अवसर पर केंद्रीय सिंहस्थ समिति के पूर्व अध्यक्ष माखनसिंह चौहान, राज्य समिति अध्यक्ष मनोज शर्मा, केतन भाई, नितिन भाई, पुद्दुचेरी आश्रम से आए सतीश भाई भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्यकार डॉ. आरपी तिवारी ने कविता पाठ कर किया। आश्रम में गणेश प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी की गई। संचालन आनंदमोहन पण्ड्या ने किया। आभार मधुसूदन श्रीवास्तव ने माना।
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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्वेल

