छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज की द लाइट मूवी देखने उमड़ा जन सैलाब
छतरपुर, 21 मई (हि.स.)। श्री रामचरितमानस में एक बहुत चर्चित चौपाई है, कि कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करे सो तस फल चाखा अर्थात इस मृत्यु लोक का यह सिद्धांत ही है, यहां जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। जो लोग केवल अपने और अपने परिवार के लिए जीते हैं, वे लोग संसारी मनुष्य बनकर रह जाते हैं, किंतु जो जिस अनुपात में संसार के लिए जीते हैं, वे ऋषि, महर्षि, ब्रह्मर्षि तथा देव ऋषि ही नहीं बनते अपितु सीधे ब्रह्म बन जाते हैं, भगवान बन जाते हैं।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के संस्थापक लेखराज कृपलानी जब तक अपने और अपने परिवार के लिए जी रहे थे, वे न केवल सिंध के अपितु भारतवर्ष के एक प्रतिष्ठित हीरा व्यापारी मात्र थे, किंतु जैसे ही उनका अहम, वयम की ओर अग्रसर हुआ और पूर्णतः वयम ही हो गया, तब उनके हाथों प्रजापिता ब्रह्माकुमारी जैसा महान मिशन सृजित हो गया, जो आज मानवता की सेवा तथा मानव मूल्यों की स्थापना न केवल भारत में अपितु विश्व के अनेक देशों में कर रहा है।
यह भावनाएं छतरपुर के पेप्टिक टाउन स्थित जेपी सिनेमा में द लाइट मूवी देखने के बाद नौगांव के तक्षशिला विद्यालय प्रिंसिपल मनीषी रमाशंकर मिश्रा जी नें व्यक्त की। जेपी सिनेमा में इस फिल्म को देखने के लिए दर्शकों का सैलाब उमड़ पड़ा और तीनों ही शो हाउसफुल रहे ब्रह्मा बाबा की जीवन कहानी पर आधारित इस फिल्म को देखने छतरपुर जिले की अनेक तहसीलों से दर्शकों का आगमन हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार/सौरभ भटनागर
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