छतरपुर: गांधी आश्रम में बाल रंग शिविर में कलाओं को निखार रहे नन्हे कलाकार
छतरपुर, 4 मई (हि.स.)। शहर के गांधी आश्रम में एक मई से बाल रंग शिविर का आगाज़ हो चुका है। प्रति वर्ष गर्मियों की छुट्टी में बच्चों की कला को निखारने के लिए गांधी आश्रम, भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा और शंखनाद नाट्य मंच के तत्वावधान में ये शिविर लगाया जाता है। शिविर का समापन रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ 30 मई को होगा।
शिविर के संयोजक अभिदीप सुहाने, सर्वेश खरे और कृष्णकांत मिश्रा ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि सुबह छ: बजे से योगाभ्यास,और बॉडी मूवमेंट की क्लास से शिविर का आरंभ होता है जिसके बाद ड्राइंग और आर्ट एंड क्राफ्ट तथा मेंहदी की क्लास में बच्चे कला के मनचाहे रंग भरते हैं। ब्रेकफास्ट के पहले संगीत और बाद में उनकी डांस की क्लास होती है। अंतिम क्लास ड्रामा की होती है जिसमे बच्चों का न सिर्फ व्यक्तित्व निखरता है बल्कि वे अपने भीतर के एक्टर को बाहर निकालते हैं। गांधी आश्रम की सचिव दमयंती पाणी ने बताया कि सात मई तक पंजीयन जारी है सुबह साढ़े 6 बजे से योगाभ्यास और गेम्स के साथ बच्चों के दिन की स्फूर्तिदायक शुरुआत होती है।
शिविर के सहभागी नवदीप पाटकार ने बताया कि इस बार हम बच्चों को लेकर सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के नाटक बकरी पर काम कर रहे हैं तो वहीं महेंद्र तिवारी के निर्देशन में बुंदेली संस्कार गीतों के गायन की रिहर्सल जारी है।आमतौर पर बच्चे और उनके अभिभावक बुंदेली के पुराने संस्कार गीतों से दूर होते जा रहे हैं ऐसे में उन्हें प्राचीन संस्कृति से परिचित कराने के लिए इस बार नया प्रयोग हो रहा है।शिविर निर्देशक शिवेन्द्र शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछली बार बाल रंग शिविर के बुलेटिन भी जारी किए गए थे जो इस बार भी होंगे।बुलेटिन के माध्यम से उनमें कैमरा फेस करने और टीवी पर प्रस्तुति देने का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सौरभ भटनागर/मुकेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।