जबलपुर : यातायात सुधार के दावों के बीच स्मार्ट सिटी की लापरवाही उजागर
जबलपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने और सड़कों को आम लोगों के लिए सुरक्षित व चलने लायक बनाने के उद्देश्य से जहां एक ओर प्रशासन द्वारा वृहत अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर स्मार्ट सिटी कार्यालय अपनी ही कारगुजारियों के चलते एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। खुद को ‘स्मार्ट’ साबित करने की होड़ में स्मार्ट सिटी ने ऐसी भूल कर दी है, जिसका खामियाजा हजारों शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल, शहर में अतिक्रमण हटाने की मुहिम इसलिए चलाई जा रही है ताकि सड़कों पर यातायात बाधित न हो और लोगों को जाम व दुर्घटनाओं से राहत मिल सके। नगर निगम और यातायात पुलिस लगातार सायरन बजाकर दुकानदारों और आम नागरिकों को चेतावनी दे रहे हैं कि सड़क पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन इन्हीं तमाम दावों और सख्ती के बीच स्मार्ट सिटी ने चंद रुपयों की खातिर नियमों को ताक पर रख दिया है।
मामला पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम से जुड़ा है। यहां आयोजित कार्यक्रमों में आने वाले लोगों के दोपहिया और चारपहिया वाहनों की पार्किंग एमएलबी स्कूल की ओर वाले गेट के सामने स्थित मुख्य सड़क पर, वह भी दोनों तरफ कराई जा रही है। इसका सीधा असर यातायात पर पड़ रहा है। सड़क के दोनों ओर खड़े वाहनों की वजह से मार्ग संकरा हो गया है, जिससे दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं किसी बड़े हादसे की आशंका भी लगातार बनी हुई है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि जिस स्थान पर खुलेआम सड़क को पार्किंग में तब्दील किया गया है, वहां न तो नगर निगम का अमला दिखाई देता है और न ही यातायात पुलिस। पूरे शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए सख्ती दिखाने वाला प्रशासन यहां पूरी तरह खामोश नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्टेडियम में आने वाले रसूखदारों के सामने प्रशासन नतमस्तक हो जाता है, इसी वजह से नियमों की अनदेखी की जा रही है।
इस संबंध में जब स्मार्ट सिटी के अधिकारी रविराव से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि फिलहाल स्टेडियम में पार्किंग की स्थायी व्यवस्था नहीं बनी है और उसके तैयार होने में अभी समय लगेगा। लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि बिना पार्किंग की व्यवस्था किए स्टेडियम को किराए पर कैसे दे दिया गया, तो वे इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
असलियत यह है कि पार्किंग की समुचित व्यवस्था किए बिना जल्दबाजी में स्टेडियम को किराए पर दे दिया गया। नियमों के मुताबिक, किसी भी बड़े आयोजन से पहले पार्किंग की वैकल्पिक और सुरक्षित व्यवस्था होना अनिवार्य है। इसके बावजूद कमाई के लालच में स्मार्ट सिटी ने नियमों की अनदेखी की, जिसका नतीजा यह है कि आम जनता को जाम, अव्यवस्था और खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
शहरवासी अब यह सवाल उठा रहे हैं कि जब आम लोगों के लिए नियम इतने सख्त हैं, तो स्मार्ट सिटी और रसूखदार आयोजकों के लिए क्यों नहीं। यदि समय रहते इस लापरवाही पर रोक नहीं लगाई गई, तो किसी बड़े हादसे की जिम्मेदारी तय करना भी मुश्किल हो जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक

