सागर की 6 वर्षीय दीपांशा सिंह ने रचा इतिहास, बनीं मप्र की सबसे कम उम्र की कूडो गोल्ड मेडलिस्ट
सागर, 27 दिसंबर (हि.स.)। यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है कि सफलता उम्र नहीं, मेहनत और लगन देखती है। मध्य प्रदेश के सागर की मात्र 6 वर्षीय बालिका दीपांशा सिंह ने कूड़ो खेल में असाधारण उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया है। बेहद कम उम्र में नेशनल कूड़ो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर दीपांशा मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की कूडो खिलाड़ी बन गई हैं। दीपांशा की इस उपलब्धि से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा सागर जिला और मध्य प्रदेश गर्व महसूस कर रहा है। खेल जगत में इतनी छोटी उम्र में यह सफलता प्रेरणादायक मानी जा रही है।
आत्मरक्षा से राष्ट्रीय मंच तक का सफर
दीपांशा के पिता डॉ. अजय सिंह के अनुसार, उन्होंने शुरुआत में अपनी बेटी को केवल आत्मरक्षा सीखने के उद्देश्य से कूड़ो एकेडमी में दाखिला दिलाया था, लेकिन अभ्यास के दौरान दीपांशा की प्रतिभा, एकाग्रता और सीखने की क्षमता ने सभी को प्रभावित किया। इसके बाद परिवार ने उसे बेहतर प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया, जिसका परिणाम आज राष्ट्रीय स्तर की सफलता के रूप में सामने आया है।
अनुशासन और स्वस्थ जीवनशैली बनी पहचान
दीपांशा दो बहनों में सबसे छोटी हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह बताती हैं कि दीपांशा शुरू से ही अनुशासित दिनचर्या का पालन करती हैं। उन्होंने कभी जंक फूड का सेवन नहीं किया। आज के समय में जब बच्चे फास्ट फूड की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं, वहीं दीपांशा की सादा और स्वस्थ जीवनशैली उनकी सफलता की मजबूत नींव बनी।
पढ़ाई और खेल में संतुलन
दीपांशा वर्तमान में पहली कक्षा की छात्रा हैं। वह नियमित रूप से पढ़ाई के साथ-साथ कूड़ो की ट्रेनिंग भी करती हैं। कम उम्र में ही उन्होंने यह उदाहरण पेश कर दिया है कि सही मार्गदर्शन, अनुशासन और मेहनत से पढ़ाई और खेल दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा सकता है।
देश के लिए खेलने का सपना
दीपांशा का सपना है कि वह आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करें और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतें। उनकी यह सफलता आने वाली पीढ़ी के बच्चों और अभिभावकों के लिए प्रेरणा बन गई है। दीपांशा सिंह की यह उपलब्धि न सिर्फ सागर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है और यह साबित करती है कि प्रतिभा को यदि सही दिशा मिले, तो उम्र कोई बाधा नहीं बनती।
हिन्दुस्थान समाचार/मनीष कुमार चौबे
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा

