पन्नाः श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लाखों श्रृद्धालु करेंगे भगवान श्री युगल किशोर जी के दर्शन
पन्ना, 25 अगस्त (हि.स.)। दिव्य
मंदिरों की नगरी पन्ना स्थित भगवान श्री जुगुल किशोर जी मंदिर में सोमवार को मथुरा, वृंदावन
एवं गोकुल की तर्ज पर भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. जिसमें लाखो
की संख्या में श्रद्धालु श्री किशोर जी के दर्शन हेतु आएंगे. जिसको लेकर प्रशासनिक
एवं मंदिर कमेटी की तरफ से सभी तैयारियां पूर्ण की जा चुकी है. भगवान श्री जुगुल
किशोर जी मंदिर व उसके पूरे विशाल परिसर को आकर्षक तरीके से सजाया व संवारा गया है
जिसकी छटा देखते ही बनती है.भगवान श्री युगल किशोर जी की विशेष पोशाक मथुरा
ब्रन्दावन से तैयार होकर आ चुकी है जिसे वे आज जन्मोत्सव पर धारण करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पडे
इसके लिए पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मंदिरों की
नगरी पन्ना में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उत्सव की शुरूवात आज प्रातः सुबह से शुरू
हो जाएगी. जो रात्रि ठीक 12 बजे जन्मोत्सव कार्यक्रम मनाया जाएगा। श्री जुगल किशोर
मंदिर के बाह्य परिक्रमा में आंगे एवं पीछे की तरफ संकट मोचन हनुमान मंदिर एवं
भगवान शंकर जी की भव्य प्रतिमाएं प्रतिस्थित हैं. उक्त मंदिर पन्ना ही नहीं
संपूर्ण बुन्देलखण्ड के धार्मिक अनुष्ठानों का केन्द्र है. यहां आए दिन कुछ न कुछ
धार्मिक आयोजन होते रहते हैं. प्रत्येक अमावश्या को कई हजार लोग भगवान के दर्शन
करने समूचे बुन्देलखण्ड एवं दूर दराज से आते हैं तथा अमावश्या को मेला जैसा दिखाई
देता है. उक्त मंदिर में समय समय पर कुछ चमत्कारित घटनाएं भी पहले घट चुकी हैं.
जिसके कारण पन्ना नगर को लोग जुगल किशोर जी की नगरी के नाम से भी पुकारते हैं. पन्ना
के जुगल किशोर मुरलिया में हीरा जड़े की ध्वनि से मंदिर गुंजायमान रहता है. भगवान
श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के समय रात्रि 12बजे भारी आतिशबाजी होती है तथा पूर्व परंपरा के अनुसार राज परिवार के सदस्य
आज भी समय पर पधार कर दर्शन लाभ लेते हुए चंवर डुलाते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
में प्रसाद के रूप में सिंघाड़े के आटे की पंजीरी एवं पंचामृत वितरित किया जाता है.
जन्मोत्सव के दूसरे दिन मंदिर में दधिकांदो होता है इसमें लोग हल्दी मिश्रित दही
मटकी में भरकर कंधे में रखकर बाहरी परिक्रमा करते हैं तथा जय कन्हैयालाल के नारे लगाते
हैं तथा उक्त अवसर पर लोग खुशी में लड्डू एवं ककड़ी लुटाते हैं तथा स्त्री, पुरूष, बच्चे
सभी इसे प्रसाद समझकर लूटने का प्रयास करते हैं. तथा उक्त सभी कार्यक्रम के
पश्चात् पूड़ी, शजी, खीर
आदि यजन तैयार कर भव्य भंडारा भी किया जाता है जिसमें हजारो लोग प्रसाद गृहण करते
हैं. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव उक्त मंदिर का सबसे प्रमुख पर्व है जिसे भारी धूमधाम के
साथ मनाया जाता है।
श्री
युगलकिशोर जी के इतिहास पर विशेष:- पन्ना के जुगल किशोर हो मुरलिया में हीरा
जड़े...... यह गीत समूचे बुंदेलखण्ड में प्रस्द्धि है। पन्ना के जुगल किशोर मंदिर
की महिमा निराली है, नगर के मध्य में स्थित इस प्राचीन
मंदिर में प्रतिष्ठित भगवान श्रीकृष्ण व राधा की जीवंत प्रतिमा के प्रति लोगों में
अगाध श्रद्धा है। भगवान के दरबार में भक्ति और आशा के साथ जो भी आता है उसकी
मनोकामना पूरी होती है। श्रद्धालुओ के धार्मिक विश्वास और आस्था के केन्द्र पन्ना
के जुगल किशोर मंदिर निर्माण सन 1813 में तत्कालीन पन्ना नरेश हिन्दूपत द्वारा
कराया गया था। यहां गर्भग्रह में प्रतिष्ठित श्री कृष्ण राधा की जुगल जोड़ी के
दर्शन करने दूर-दूर से प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सुरेश पांडे / मुकेश तोमर
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