विश्व का सर्वश्रेष्ठ अनाज है श्रीअन्नः प्रह्लाद सिंह पटेल

विश्व का सर्वश्रेष्ठ अनाज है श्रीअन्नः प्रह्लाद सिंह पटेल
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विश्व का सर्वश्रेष्ठ अनाज है श्रीअन्नः प्रह्लाद सिंह पटेल


- पंचायत मंत्री ने श्रीअन्न (मिलेट्स) प्रोत्साहन मेला एवं प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

भोपाल, 3 मार्च (हि.स.)। पंचायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि विश्व में जहां एक तरफ़ खाद्य सुरक्षा की समस्या है तो वहीं दूसरी तरफ़ फूड हैबिट्स से जुड़ी बीमारियां,बीपी,डायबिटीज एक बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। श्रीअन्न ऐसी हर समस्या का भी समाधान देते हैं, ज्यादातर मिलेट्स को उगाना आसान होता है, इसमें खर्च भी बहुत कम होता है और दूसरी फसलों की तुलना में ये जल्दी तैयार भी हो जाता है। इनमें पोषण तो ज्यादा होता ही है साथ ही स्वाद में भी विशिष्ट होते हैं। पहले मोटे अनाज को ग़रीबों का अनाज कहकर मजाक उड़ाया जाता था, लेकिन आज पूरी दुनिया ने माना है कि श्रीअन्न दुनिया का सर्वश्रेष्ठ अन्न है।

पंचायत मंत्री पटेल रविवार को नरसिंहपुर में श्री अन्न प्रोत्साहन मेले एवं प्रदर्शन के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय लोगों को खिलाने के लिए मिलेट एक सस्ता और पौष्टिक विकल्प है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मिलेट को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में दुबई में आयोजित वर्ल्ड फ़ूड फ़ेस्टिवल में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि विश्व को भुखमरी से बचाने के लिए हमें मोटे अनाजों की तरफ़ जाना होगा। प्रधानमंत्री ने 2018 में मोटे अनाज को पोषक–अनाज घोषित किया गया था। भारत के इन्हीं प्रस्ताव और प्रयासों के बाद ही संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘इंटरनेशनल मिलेट इयर’ घोषित किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी 20 सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों को प्रदान किए गए नाश्ते एवं भोजन में मिलेट्स को ही शामिल किया गया था।

मंत्री पटेल ने मिलेट्स की उपयोगिता को समझाते हुए कहा कि मिलेट्स की खेती सर्वश्रेष्ठ है जो मानव और मिट्टी, दोनों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की गारंटी देती है। इसके गुणों को हमारे पूर्वज बखूबी जानते थे। जनजातीय बंधुओं के ख़ान पान का यह आज भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में मिलेट्स या मोटे अनाज को अब श्रीअन्न की पहचान दी गई है। श्रीअन्न केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है। श्रीअन्न यानी कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार, श्रीअन्न यानि केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार, श्रीअन्न यानि क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने में मददगार।

उन्होंने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मिलेट्स का आसानी से उत्पादन हो जाता है। इसकी पैदावार में अपेक्षाकृत पानी भी कम लगता है, जिसमें वॉटर क्राइसिस वाली जगहों के लिए यह एक पसंदीदा फसल बन जाती है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी जैसे श्रीअन्न का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मिलेट भारत में सदियों से जीवनशैली का हिस्सा रहा है।

बता दें कि उत्पादकों, उपभोक्ताओं और अन्य हितधारकों के बीच मोटे अनाज के प्रचार और जागरूकता, उनकी मूल्य श्रृंखला का विकास, मिलेट के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी पहलू, बाजार संपर्क, अनुसंधान और विकास आदि जैसे श्रीअन्न से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पीजी कॉलेज नरसिंहपुर में श्रीअन्न (मिलेट्स) प्रोत्साहन मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। मेले का उद्घाटन पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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