सिवनीः अखिल भारतीय बाघ गणना में इंदौर के श्रीकांत कलमकर तीसरी बार चुने गए स्वयंसेवक, पेंच टाइगर रिज़र्व में कर रहे सेवा

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सिवनीः अखिल भारतीय बाघ गणना में इंदौर के श्रीकांत कलमकर तीसरी बार चुने गए स्वयंसेवक, पेंच टाइगर रिज़र्व में कर रहे सेवा


सिवनी, 04 दिसंबर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के विख्यात पेंच टाइगर रिजर्व में इस वर्ष आयोजित अखिल भारतीय बाघ गणना का प्रथम चरण 1 से 7 दिसंबर तक संचालित हो रहा है। जिसमें लगभग 400 आवेदनों में से चयनित 22 स्वयंसेवकों में इंदौर के श्रीकांत कलमकर भी शामिल हैं। अखिल भारतीय बाध गणना के प्रथम चरण के दौरान तीन दिनो में हरे-भरे जंगल, बहती नदियों और पक्षियों की मधुर ध्वनि के बीच जुगनी की उपस्थिति स्वयंसेवकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव रही को सोशल मीडिया में गुरूवार 04 दिसंबर 2025 को श्रीकांत कलमकर ने साझा किया है

इंदौर निवासी श्रीकांत कलमकर और स्वपनील फणसे ने गुरूवार को बताया कि अखिल भारतीय बाघ गणना का प्रथम चरण 1 से 7 दिसंबर तक संचालित हो रहा जिसमें उन्होनें खवासा में वन प्रबंधक सुमित रेंगे द्वारा स्वागत एवं प्रोटोकॉल प्रशिक्षण दिया गया। इसके पश्चात पेंच के फील्ड डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बाघ सर्वे के इतिहास, महत्व और पेंच की वैश्विक पहचान के कारणों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि जंगल बुक के काला पहाड़, वेनगंगा और बघीरा का उल्लेख भी पेंच से जुड़ा है। स्थानीय समुदायों को संरक्षण से जोड़ने के प्रबंधन प्रयासों ने स्वयंसेवकों को प्रेरित किया।

संजय नामदेव द्वारा गणना प्रक्रिया की ट्रेनिंग के बाद स्वयंसेवकों को विभिन्न कैंपों के लिए रवाना किया गया। श्रीकांत कलमकर तेलिया बीट, खवासा रेंज पहुँचे, जहाँ बीट गार्ड कैलाश शरणागत, वनकर्मी अर्जुन और नंदलाल उनकी टीम का हिस्सा बने। दूसरे से चौथे दिन तक प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे से 5.6 किमी की ट्रेकिंग कर टीम ने बाघों के पदचिह्न, खरोंच, मलदृमूत्र जैसे ताज़ा साइन दर्ज किए, जिनसे यह स्पष्ट हुआ कि क्षेत्र का जंगल अत्यंत स्वस्थ और समृद्ध है। तितलियों, पक्षियों, सरीसृपों और हिरण-सांभर जैसी प्रजातियों की भरपूर उपस्थिति ने इसे जैव-विविधता से परिपूर्ण आवास साबित किया।

तीसरे दिन स्वयंसेवकों को ‘जुगनी’ इस क्षेत्र की प्रसिद्ध बाघिन के दुर्लभ दीदार का सौभाग्य भी मिला। हरे-भरे जंगल, बहती नदियों और पक्षियों की मधुर ध्वनि के बीच जुगनी की उपस्थिति स्वयंसेवकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव रही। इंदौर की वाइल्ड वारियर्स संस्था से श्रीकांत कलमकर और स्वपनील फणसे को पेंच टाइगर रिज़र्व, मध्यप्रदेश में तीसरी बार स्वयंसेवा का अवसर मिला है। इस अवसर के लिए उन्होंने पेंच प्रबंधन का आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / रवि सनोदिया

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