सिवनीः कलेक्टर–एसपी ने एफएलएन मेलों व पीएम श्री विद्यालयों का किया निरीक्षण
सिवनी, 30 दिसंबर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में कलेक्टर शीतला पटले एवं पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने मंगलवार को जिले में शासकीय प्राथमिक शालाओं एवं पीएम श्री विद्यालयों में आयोजित एफएलएन (फाउंडेशनल लिटरेसी एवं न्यूमेरसी) मेलों का निरीक्षण किया। इस क्रम में विकासखण्ड छपारा के सादक सिवनी, पीएम श्री विद्यालय सादक सिवनी तथा लखनादौन विकासखण्ड के प्राथमिक शाला सहजपुरी का भ्रमण किया गया।
कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार निरीक्षण के दौरान दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों का अवलोकन किया और बच्चों से आत्मीय संवाद कर उनके अनुभवों की जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती पटले ने शिक्षकों को निर्देशित किया कि प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों की कल्पनाशक्ति विकसित करने हेतु रोचक, नवाचारी एवं सहभागितामूलक शिक्षण पद्धतियों को अपनाया जाए।
मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) की नियमितता एवं गुणवत्ता को लेकर बच्चों से फीडबैक लिया गया। कलेक्टर ने उपस्थित माताओं को निर्धारित तिथियों पर बच्चों के साथ भोजन करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा तिथिवार रोस्टर बनाकर माताओं की सूची विद्यालय परिसर में चस्पा करने के निर्देश दिए।
पीएम श्री विद्यालय सादक सिवनी में कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों से विशेष चर्चा करते हुए कलेक्टर एवं एसपी ने विद्यार्थियों के करियर लक्ष्यों के बारे में जानकारी ली और उन्हें अनुशासन, निरंतर परिश्रम एवं आत्मविश्वास के साथ अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, नियमित करियर गाइडेंस उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। डिजिटल लाइब्रेरी कक्षा का अवलोकन कर गुणवत्तापूर्ण एवं उपयोगी शैक्षणिक कंटेंट सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
लखनादौन विकासखण्ड के सहजपुरी प्राथमिक शाला में एफएलएन मेले के दौरान बच्चों से हिंदी–अंग्रेजी वर्णमाला, गिनती, पहाड़े एवं आकृतियों से संबंधित प्रश्न पूछे गए। बच्चों की सक्रिय सहभागिता और संतोषजनक उत्तरों पर अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की। एफएलएन मेले में टीएलएम का उपयोग, गणितीय खेल, संख्या पहचान तथा बुनियादी पढ़ने-लिखने की गतिविधियाँ प्रमुख रहीं।
कलेक्टर शीतला पटले ने शिक्षकों को निर्देश दिए कि एफएलएन लक्ष्यों के अनुरूप नियमित अभ्यास एवं नवाचारपूर्ण शिक्षण गतिविधियों पर विशेष ध्यान देकर प्राथमिक स्तर पर बच्चों की बुनियादी शैक्षणिक समझ को और सुदृढ़ किया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / रवि सनोदिया

