सिवनी में प्राथमिक शाला सिंगपुर समय से पूर्व बंद मिली, चार शिक्षकों पर अवैतनिक वेतन कटौती की कार्रवाई

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सिवनी में प्राथमिक शाला सिंगपुर समय से पूर्व बंद मिली, चार शिक्षकों पर अवैतनिक वेतन कटौती की कार्रवाई


सिवनी, 09 दिसंबर(हि.स.)। मप्र के सिवनी जिले में शिक्षा की गुणवत्ता और शैक्षणिक अनुशासन को बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा लगातार निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को सहायक संचालक शिक्षा द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में शासकीय प्राथमिक शाला सिंगपुर निर्धारित समय से पहले बंद पाई गई। विद्यालय का समय अपरान्ह 4 बजे तक निर्धारित है, लेकिन निरीक्षण के समय स्कूल समय से पहले ही बंद था, जिसे विभाग ने गंभीर लापरवाही माना है।

औचक निरीक्षण के परिणाम सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रधानाध्यापक कोमल प्रसाद अहिरवार, सहायक शिक्षक ख्याल सिंह बघेल, कमल सिंह मर्सकोले, तथा प्राथमिक शिक्षक निर्मला बघेल के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की है।

शिक्षा विभाग ने सभी चार शिक्षकों पर तीन दिवस का अवैतनिक वेतन कटौती (अवैतनिक अवकाश) लागू किया है। यह कार्रवाई विभागीय अनुशासनात्मक प्रावधानों के अनुसार की गई है, जिससे यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि विद्यालय समय पालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वे सात दिनों के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण विकासखंड शिक्षा अधिकारी बरघाट के माध्यम से प्रस्तुत करें। विभाग का मानना है कि विद्यालय को समय से पहले बंद करना न केवल छात्रों की पढ़ाई को प्रभावित करता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था के प्रति गैर-जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छात्र उपस्थिति, शिक्षण गतिविधियों और विद्यालय संचालन की नियमितता सुनिश्चित करने के लिए इस तरह के निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे। विभाग का उद्देश्य यह है कि जिले के सभी सरकारी विद्यालय निर्धारित समय और नियमों के अनुसार संचालित हों, जिससे बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न आए। इस संबंध में बताया जा रहा है कि समय से पहले स्कूल बंद मिलने की शिकायतें कई बार सामने आती हैं, जिसके लिए अब सख्त व्यवस्था लागू की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों का समय पर विद्यालय में उपस्थित रहना और निर्धारित समय तक अपनी जिम्मेदारी निभाना अनिवार्य है। वहीं, इस कार्रवाई को अभिभावकों ने भी उचित बताया है और कहा कि शिक्षा विभाग का यह कदम बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने में सहायक होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रवि सनोदिया

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