छतरपुर: गुरुकुल की परंपरा आज से नहीं, अनादि काल से है : महंत श्रंगारी
छतरपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। महर्षि महेश योगी का जन्मदिन धूमधाम के साथ महर्षि वेद विज्ञान विद्या पीठ देरी रोड़ छतरपुर में मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जानराए टोरिया के महंत भगवानदास श्रंगारी महाराज निर्मोही अखाड़ा के महंत शामिल हुए।
मुख्य अतिथि महंत श्रंगारी ने बटुक ब्रांम्हण बालकोें को अपने मुखारविंद से शुभाशीष देते हुए महर्षि जी के जीवन पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि का स्वागत आश्रम प्रभारी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने किया। सबसे पहले महर्षि योगी के चित्र की पूजा अर्चना की गई। कार्यक्रम में पूर्व ध्यान शिक्षक मलखान सिंह, दिनेश मिश्रा, एवं वरिष्ठ पत्रकार केशव शर्मा भी मौजूद रहे। महंत श्रंगारी महाराज ने कहा कि भारत भूमि ऋषि प्रधान है जहां पर ऋषियों का जन्म हुआ। ऋषियों के प्रभाव से ही परमात्मा का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि हम सब ऋषियों की संतान हैं और ऋषियों के कारण ही भारत महान है। उन्होंने कहा कि गुरुकुल की परंपरा आज से नही बल्कि अनादि काल से है। महर्षि महेश योगी की संस्थाएं अनेक देशों में चल रही हैं। इस दौरान उन्होंने खेल प्रतियोंगिताओं में प्रथम रहने वाले बटुक ब्रांहणों को शील्ड देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन गोपाल कृष्ण श्रीवास्तव ने किया। जबकि संचालन मनमोहन उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में आश्रम की ओर से ध्यान शिक्षक प्रमोद द्विवेदी, टीकाराम शर्मा, जयनारायण, रामस्वरूप, जवाहर मिश्रा, नरेंद्र सेंगर मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/सौरभ भटनागर
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