आगरमालवा : सक्सेना हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर को मिली क्लीन चिट

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आगरमालवा : सक्सेना हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर को मिली क्लीन चिट


आगरमालवा, 17 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिला मुख्यालय स्थित सक्सेना अस्पताल एवं

रिसर्च सेंटर एवं सक्सेना हॉस्पिटल सोनोग्राफी सेंटर पर 28 फरवरी 2025 को तत्कालीन

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश गुप्ता एवं उनके जांच दल द्वारा छापेमार

कार्रवाई की गई थी तथा डॉ राजेश गुप्ता द्वारा यह बताया गया था कि सोनोग्राफी की मशीन

पंजीबद्ध नहीं है अवैध रूप से संचालित है और अस्पताल भी अवैध रूप से चल रहा है व अस्पताल

में घोर अनियमितताएं है।

तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश गुप्ता

ने स्वयं ही इस एकतरफा कार्रवाई के उपरांत सोनोग्राफी सेंटर का एवं अस्पताल का लाइसेंस

रद्द कर दिया था। डॉ राजेश गुप्ता के इन आदेशों को सक्सेना हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर

एवं सोनोग्राफी सेंटर की संचालिका डॉक्टर अपर्णा सक्सेना ने नियमानुसार राज्य अपीलीय

अधिकारी महोदय म.प्र. के समक्ष चैलेंज किया था। सक्सेना हॉस्पिटल एवं सोनोग्राफी सेंटर

दोनों की ही सुनवाई राज्य अपीलीय अधिकारी महोदय के समक्ष अलग-अलग की गई। सक्सेना अस्पताल

की सुनवाई में अपीलीय अधिकारी द्वारा दोनों पक्षों को सुना गया जिसमें डॉक्टर अपर्णा

सक्सेना संचालिका सक्सेना हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर ने अपने अस्पताल के नियमानुसार

चलाए जाने और अस्पताल चलाने के लिए अनिवार्य सभी अनुमति होने से संबंधित सभी दस्तावेज

अपील अधिकारी के समक्ष रखें एवं तर्क प्रस्तुत किये।

तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

अधिकारी डॉ राजेश गुप्ता अपनी कार्यवाही के समर्थन में कोई भी तथ्य या तर्क प्रस्तुत

नहीं कर सके। सक्सेना हॉस्पिटल की सोनोग्राफी मशीन एवं सक्सेना हॉस्पिटल भी मुख्य चिकित्सा

एवं स्वास्थ्य अधिकारी आगर के कार्यालय में ही पंजीबद्ध पाए गए। इस तरह मुख्य चिकित्सा

एवं स्वास्थ्य अधिकारी आगरमालवा के कार्यालय में राजेश देसाई द्वारा की गई शिकायत पर

डॉ राजेश गुप्ता द्वारा बिना शिकायत की सत्यता की प्रारंभिक जाँच करे एवं 28 फरवरी 25 को शासकीय कार्य बताते हुए की गई इस संपूर्ण कार्यवाही को नियमानुसार नहीं

बताते हुए राज्य अपीलीय अधिकारी महोदय ने सक्सेना हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर को क्लीन

चिट दे दी है और तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश गुप्ता के

आदेशों को रद्द करते हुए दोनों पंजीकरण को बहाल कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / रितेश शर्मा

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