धार-झाबुआ में मौजूद भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
झाबुआ, 12 दिसंबर (हि.स.)। धार और झाबुआ में भगवान् श्रीकृष्ण की स्मृतियों से संबद्ध स्थानों को श्रीकृष्ण पाथेय में शामिल कर तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। उक्त विचार प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य झाबुआ जिले के ग्राम समोई में गुरु श्री नटवरलालदासजी भट्ट के 47वें स्मृति महोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीकृष्ण प्रणामी धर्म महोत्सव में शामिल हुए श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुख्यमंत्री यादव शुक्रवार को श्रीकृष्ण प्रणामी धर्म महोत्सव में भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए।
यह महोत्सव सद्गुरु श्री नटवरलालदासजी भट्ट के 47वें स्मृति महोत्सव के रूप में, महाराज श्री रश्मिकांत एन. भट्टजी के मार्गदर्शन में 9 से 13 दिसम्बर तक पांच दिवसीय आयोजन के रूप में सम्पन्न हो रहा है। महोत्सव के अंतर्गत श्रीमद भागवत कथा, भगवान् श्रीकृष्ण कथा, ब्रह्मज्ञान एवं महायज्ञ जैसे आध्यात्मिक आयोजन किए जा रहे हैं।
समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज झाबुआ-निमाड़ में आनंद बरस रहा है। यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन अति अद्भुत रहा है, और उन भगवान् श्रीकृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले प्रणामी सम्प्रदाय के द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण प्रणामी महोत्सव सर्वधर्म समभाव और सनातन मूल्यों को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि 400 वर्ष पूर्व सद्गुरू श्री देवचन्द्रजी महाराज के द्वारा प्रारंभ किए गए प्रणामी संप्रदाय के लिये वे आज अखण्ड सनातन परंपरा का प्रकाश स्तंभ है।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण प्रणामी धर्म एक ऐसा मार्ग है, जो कृष्ण भक्ति, आध्यात्मिक ज्ञान और सार्वभौमिक भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित है। प्रणामी सम्प्रदाय की परंपरा का उल्लेख करते हुए यादव ने कहा कि प्रणामी संप्रदाय का व्यापक प्रचार-प्रसार प्राणानाथ स्वामी और उनके शिष्य महाराज छत्रसाल ने किया था। उन्होंने कहा कि निजानंदाचार्य के परम शिष्य महामति स्वामी श्री प्राणनाथजी द्वारा ‘तारतम्य सागर’ ग्रंथ की रचना की गई, जो सभी धर्मों का सारभूत संकलन है, और जिसे इस सम्प्रदाय में पूजा जाता है। इस समुदाय के अनुयायियों को सुन्दरसाथ कहा जाता है तथा आपस में मिलने पर “प्रणाम” शब्द से अभिवादन किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रणामी संप्रदाय के प्रमुख तीन प्रमुख धामों, नवतनपुरी धाम जामनगर (गुजरात), महामंगलपुरी धाम सूरत (गुजरात) तथा मुक्ति पीठ पद्मावतीपुरी धाम पन्ना (मध्यप्रदेश) में स्थित है, इन धामों में से एक धाम पद्मावती पुरी है, जो कि हमारे प्रदेश के पन्ना शहर में है।
समोई में आयोजित महोत्सव में शामिल होने के लिए पर श्री कृष्णमणि महाराज नवतनपुरी जामनगर, श्री रश्मिकांत भट्ट महाराज कृष्ण प्रणामी मंदिर हरकुंडी गुजरात, श्री प्रमोद सुधाकरणजी महाराज भागवत कथाकार सिक्किम, श्री लक्ष्मण ज्योति महाराज सूरत, श्री रमेश भट्ट महाराज वडोदरा और महेश प्रसाद महाराज डाकोर सहित विभिन्न स्थानों से संतगणों का आगमन हुआ है।
समारोह में अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागरसिंह चौहान, सांसद श्रीमती अनीता नागरसिंह चौहान जिला कलेक्टर नेहा मीना, पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयालसिंह सहित बड़ी संख्या में प्रणामी समुदायजन उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा

