नवीकरणीय ऊर्जा में मप्र बना अग्रणी राज्य, 9508 मेगावॉट क्षमता हासिल : राकेश शुक्ला

WhatsApp Channel Join Now
नवीकरणीय ऊर्जा में मप्र बना अग्रणी राज्य, 9508 मेगावॉट क्षमता हासिल : राकेश शुक्ला


पीएम मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर तेज कदम

भोपाल, 23 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री मोदीजी के दूरदर्शी नेतृत्व और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सशक्त मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की है। राज्य सरकार के विकास और सेवा के सफल दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश की उपलब्धियों, नवाचारों और भविष्य की कार्ययोजना को विस्तार से साझा किया है।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंत्री शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश अब केवल ऊर्जा उपभोक्ता राज्य नहीं है, यह आज ऊर्जा उत्पादन, नवाचार और निवेश का प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता 9508 मेगावॉट तक पहुंच चुकी है, जो राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

मंत्री शुक्ला ने कहा कि भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट–2025 में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 5.72 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश निवेश के लिए देश के सबसे भरोसेमंद राज्यों में शामिल हो चुका है। उन्होंने कहा कि इन निवेशों से राज्‍य का ऊर्जा उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में छठा स्थान

मंत्री शुक्ला ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश ने देश में छठवां स्थान प्राप्त किया है। अब तक प्रदेश के 76 हजार घरों की छतों पर 292 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह योजना आम नागरिकों को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के साथ-साथ बिजली बिल में राहत प्रदान कर रही है। वहीं, नीतिगत सुधारों की बात करते हुए मंत्री शुक्‍ला का कहना था कि बीते दो वर्षों में राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति–2022 और संशोधित मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति–2025 को लागू कर ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा दी है। इसके साथ ही बॉयो-फ्यूल और पम्पड हाइड्रो स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश बॉयो-फ्यूल क्रियान्वयन स्कीम–2025 और पम्पड हाइड्रो स्टोरेज क्रियान्वयन स्कीम–2025 लागू की गई हैं।

उन्होंने बताया कि आगर–शाजापुर–नीमच क्षेत्र में 1045 मेगावॉट क्षमता का सौर पार्क स्थापित किया जा चुका है। वहीं ओंकारेश्वर में 278 मेगावॉट क्षमता की विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना ने मध्यप्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर विशेष पहचान दिलाई है।

2030 के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है हमारा प्रदेश

मंत्री शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। आगर में 550 मेगावॉट, शाजापुर में 450 मेगावॉट के सोलर पार्क स्थापित हो चुके हैं, जबकि नीमच में 500 मेगावॉट का सोलर पार्क निर्माणाधीन है।

उन्होंने बताया कि पीएम-कुसुम योजना के घटक (स) के अंतर्गत प्रदेश को 14 हजार 500 मेगावॉट क्षमता के 550 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 4500 मेगावॉट क्षमता के प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। ग्रिड प्रबंधन और दिन के समय सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए तकनीकी नवाचार भी किए जा रहे हैं।

किसान बन रहे हैं ऊर्जादाता

इस दौरान मंत्री शुक्ला का कहना यह भी रहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसान अब अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बन रहे हैं। पीएम कृषक मित्र योजना के तहत अब तक 21 हजार 129 किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा चुके हैं। आगामी तीन वर्षों में सभी पात्र किसानों को सोलर पम्प से जोड़ने का लक्ष्य है। वर्तमान में प्रदेश में 50 हजार सोलर पम्प स्थापित किए जा रहे हैं। सरकार ने प्रदेश के समस्त शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अंतर्गत 47 जिलों के 1500 शासकीय भवनों पर 70 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट का कार्य प्रारंभ हो चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जनमन) के तहत 2060 पीवीटीजी परिवारों के घरों में सोलर प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं। वहीं पीएम-कुसुम घटक (अ) में 1790 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट पर कार्य जारी है, जिसमें मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है।

ऊर्जा भंडारण में ऐतिहासिक पहल

साथ ही मंत्री शुक्ला ने जानकारी दी कि भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए प्रदेश ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में भी अग्रसर हो रहा है। मुरैना सोलर पावर प्लस स्टोरेज प्रोजेक्ट प्रदेश की पहली ऊर्जा भंडारण परियोजना है, जिससे 440 मेगावॉट ऊर्जा क्षमता प्राप्त होगी। इस परियोजना की दो रुपये 70 पैसे प्रति यूनिट की दर देश में अब तक की सबसे कम दरों में से एक है।

पत्रकार वार्ता में अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव और एमडी ऊर्जा विकास निगम अमनबीर सिंह बैंस भी उपस्थित रहे और उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर दिए।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

Share this story