अशोकनगर: 50 साल पहले के मृतक को जिंदा दिखाकर कर दी रजिस्ट्री

अशोकनगर: 50 साल पहले के मृतक को जिंदा दिखाकर कर दी रजिस्ट्री
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अशोकनगर: 50 साल पहले के मृतक को जिंदा दिखाकर कर दी रजिस्ट्री


अशोकनगर, 13 जून (हि.स.)। शहर में अभी तक सरकारी गैर सरकारी भूमि, माफियाओं द्वारा हड़पने के किस्से उजागर होते रहे हैं। अब एक हैरत भरा मामला सामने आया है कि 50 साल पहले मृत्यु हुए व्यक्ति को जिंदा दिखलाकर उसके नाम भूमि को कलेक्टर ऑफ स्टाम्प्स जिला पंजीयक मुख्यालय उप पंजीयक कार्यालय अशोकनगर द्वारा रजिस्ट्री कर दी गई।

यहां जितने भी इस तरह के भू-माफियागिरी के मामले सामने आए हैं, उनमें संबंधित अधिकारियों की मिली भगत कम दिखाई नहीं देती है, इस तरह से मिली भगत से भू-माफियाओं द्वारा जमीनें हड़पने के मामले सामने आते रहे हैं।

करीब 50 साल पहले मृत्यु हुए व्यक्ति की जमीन की रजिस्ट्री होने का यह मामला जिले की शाढौरा तहसील स्थित चिरौला गांव का है। कार्यालय उप पंजीयक अशोकनगर में दिनांक 19 मार्च 2024 को रजिस्ट्री क्रमांक एमपी 471192024ए1353527 है। जिसमें भूमि स्वामी विक्रेता घसीटा अहिरवार पुत्र सुकुआ ग्राम चिरौली, तहसील शाढौरा की भूमि सर्वे नम्बर 311/2 रकवा 0.209 हैक्टर भूमि चंद्रभान सिंह यादव निवासी छैघरा अशोकनगर के नाम विक्रय कर जमीन हड़प ली गई।

यहां हैरत की बात है कि जिस भूमि स्वामी विक्रेता घसीटा पुत्र सुकुआ द्वारा उसकी भूमि की पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री की गई है। उनके पुत्र रामदयाल अहिरवार का कहना है कि उनके पिता घसीटा की मृत्यु करीब 50 साल पूर्व हो चुकी है, आखिर फिर उनके पिता को जिंदा खड़ा कर उनकी भूमि की रजिस्ट्री कैसे कर दी गई। उनके साथ यह धोखाधड़ी पूर्ण कृत किया गया है।

हमारी कोई जवाबदारी नहीं:

इस संबंध में जब उप पंजीयक अनभिता तिवारी से उनका मत जानना चाहा कि 50 साल पहले मृतक व्यक्ति द्वारा कैसे भूमि का पंजीयन दूसरे के नाम कर दिया गया? तो उनका जवाब की हमारे यहां सम्पूर्ण दस्तावेज दर्ज हैं, सभी कुछ जवाबदारी क्रेता-विक्रता और गवाहों की है।

फर्जी आधार कार्ड की आशंका:

यहां यह भी उल्लेखनीय हो कि इस प्रकार से भूमि की रजिस्ट्री के लिए क्रेता और विक्रेता के अलावा दो गवाहों के आधार कार्ड भी रजिस्ट्री समय लगाये जाते हैं। 50 साल पहले आधार कार्ड चलन में आने पर आखिर भू-स्वामी मृतक घसीटा का आधार कार्ड किस प्रकार उपयोग में लाया गया, जिसकी क्या पंजीयक कार्यालय द्वारा तस्दीक नहीं की गई क्या? ऐसे कई सवाल हैं जो पंजीयक कार्यालय की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं।

फर्जी घसीटा बन कराई रजिस्ट्री:

50 साल पहले मृतक रामदयाल अहिरवार के एडवोकेट जीवन लाल प्रभाकर का कहना है कि रामदयाल द्वारा उक्त मामले की शिकायत कलेक्टर एवं एसपी को की गई है। उनका आरोप है कि फर्जी रजिस्ट्री मामले में भू-माफियाओं से मिली भगत कर उप पंजीयक द्वारा लेनदेन कर फर्जी रजिस्ट्री करने का कृत किया गया है। जिसको लेकर वे अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं ताकि भू स्वामी मृतक घसीटा के परिजनों को न्याय मिल सके।

हिन्दुस्थान समाचार/ देवेन्द्र ताम्रकार

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