अनूपपुर : अमरकंटक में नववर्ष के लिए तैयार, सुबह माँ नर्मदा दर्शन से होगी शुरूआत से होगी
अनूपपुर/अमरकंटक, 31 दिसंबर (हि.स.)। पवित्र नगरीय व मध्यप्रदेश के पर्यटक स्थलों में शामिल अनूपपुर जिले के अमरकंटक में नववर्ष के जश्नर मनाने देशी सैलानियों सहित विदेशी पर्यटकों का कांरवा अमरकंटक पहुंच गया है। अमरकंटक के सभी रिसॉर्ट और होटल सहित धार्मिक आवस, धर्मशालाएं सहित अन्य आभासीय परिसर पूरी तरह फुल हैं। न सिर्फ ठहरने के लिए बल्कि खाने को सुविधाओं के लिए भी विलम्ब से आने वाले पर्यटकों को होटलों के चक्कर काटने पड़ रहें हैं। पर्यटकों की यह भीड़ आगामी 14 जनवरी मकरसंक्रात तक बनी रहेगी। लेकिन ठहरने की जगह की कमी के बाद भी बहर से आनेवाले सैलानियों सहित विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला जारी है। नगर परिषद का अनुमान है कि इस वर्ष लगभग 40 हजार से अधिका सैलानियों के अमरकंटक पहुंचने के आशा है। वहीं प्राकृतिक विहंगमों में रंगी अमरकंटक को निहारने विदेशी पर्यटकों का कारंवा पहुंचेगा।
स्थानीय लोगों के अनुसार इस प्रकार लोगों की भीड़ के आने के कारण प्रदूषण विभाग द्वारा पूर्व के वर्ष में नगरीय प्रशासन के माध्यम से ऐसे पिकनिक स्पॉट है, जहां पर्यटकों सहित अन्य लोगों को आसानी से पिकनिक मनाने की छूट दी गई है। बताया जाता है कि अमरकंटक विंध्याचल, सतपुड़ा और मैकाल पर्वत बृखंला में स्थित है। जहां भगवान शिव और उनकी बेटी नर्मदा से सम्बोधित कई रहस्यमय कहानियां अमरकंटक से जुड़ी हुई है। वहीं नर्मदा माता के लिए समर्पित यहां पर 10 मंदिर स्थित है। इनमें मां नर्मदा उद्गम स्थल अहित माई को बगिया, श्रीयंत्र महामेडू मंदिर, रानरानेस्वरी मंदिर, संकराचार्य आवम्, फल्याण सेवा आश्रम मंदिर, एशिया प्रस्सिद्ध मंदिर दिगम्बर जैन मंदिर, नालेस्वर महादेव मंदिर, गुब्द्धाता सहित पर्यटकों को लुभावने चाली विशेष पर्यटक स्थल, सोनमुद्दा, कपिलधारा, चुनीपानी, भृगु कंडल, नालेश्वर, दुर्गाधारा, शम्भू भारा, कदगंगा नौका बिहार पुष्कर जैम। खुला के लिए मैकल पार्क आकर्षण का केन्द्र है। नमकि अमरकंटक पर्यटन के साथ निफितीय पद्धति में उपयोग होने वाले जड़ी-चुटियों का भी गढ़ माना जाता है। जिनकी बनीय क्षेत्र में ब्राम्ही, गुलबकावली, सफेदमुसली, काली मुसली सहित तेजरान, भोजराज, पाताल्कुढहा जैसी औषधियों से भरपूर है। प्रकृतिक का अद्भुत नजारा होने के साथ अमरकंटक औषधियों के लिए भी देशभर में प्रसिद्ध है।
इसके अलावा मकरसंक्रात, महाशिवरात्रि पर्व, नर्मदा जयंती उत्तत्व, अमावस्या पूजन, पूर्णिमासी स्लान के साथ पवित्रनदी उद्गम नर्मदा कुंड स्नान के कारण पर्यटकों के अलावा विदेशी पर्यटकों को यह स्वल अन्यासा अपनी ओर खींच लेती है। माना जाता है कि नर्मदा स्नान से पुन्यात्माओं व बद्धालुओं को दुर्लभ रामेश्वर यात्रा के सौ गुणे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। विसाम गृह लोक निर्माण विभाग, हॉलीडे होम्स पर्यटन विभाग, दूरस्टि कॉटन, पर्यटक गेस्ट हाउस एवं धर्मशाला, बर्फानी आश्रम रामकृष्ण कुटीर, मार्कण्डेय आश्रम, शांति कुटीर, मृत्युंजय आश्रम, केडिया धर्मशाला, नर्मदा उदगम् रंग महाल, फलाहारी आश्रम, कल्याण सेवा आवम् रामबाई धर्मशाला, रेवा धर्मशाला, जैन मोंदर, गायित्री शक्तिपीठ सहित अन्य आश्रम व संस्था ठहरने के लिए उपलब्ध हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला
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