रतलाम: प्रतिमाएं हटाकर राममंदिर की जमीन को बेचने का आरोप लगाया ट्रस्टी श्री वर्मा ने

रतलाम: प्रतिमाएं हटाकर राममंदिर की जमीन को बेचने का आरोप लगाया ट्रस्टी श्री वर्मा ने
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रतलाम: प्रतिमाएं हटाकर राममंदिर की जमीन को बेचने का आरोप लगाया ट्रस्टी श्री वर्मा ने


रतलाम, 23 फ़रवरी (हि.स.)। श्री मेढ़ क्षत्रिय मेवाड़ा स्वर्णकार समाज ट्रस्ट (जुनासाथ) के ट्रस्टी बृजमोहन वर्मा ने अपने ही ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने कुंजड़ों का वास स्थित राममंदिर ट्रस्ट की जमीन को बेचकर आपस में रूपये बांट लिए तथा मदिर की मूर्तियों को भी अन्य स्थानों पर विराजित कर दिया है। विगत कई वर्षों से प्रशासनिक अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे है, जनसुनवाई में आवेदन दिए जाने के बाद भी अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला रहा है जबकि वर्षों से वह जांच की मांग कर रहे है।

81 वर्षीय बृजमोहन वर्मा ने इस संवाददाता को दस्तावेज बताते हुए कहा कि समाज का रामजी का मंदिर रजिस्टर्ड है उसकी प्रति व गजट में प्रकाशित प्रतियों को तत्कालिन कलेक्टरों को दी ,लेकिन अभी तक इन ट्रस्टियों के खिलाफ न तो कार्रवाई हुई और ना ही मंदिर की जमीन को सुरक्षित किया गया। उन्होंने पत्र में लिखा है कि रामजी के मंदिर 45/10 कुंजड़ों के वास में स्थित है, जिसकी जमीन भी बेचकर ट्रस्टियों ने पैसा आपस में बांट लिए। इनके खिलाफ अमानत में खयानत व 420 का प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।

श्री वर्मा ने डीआईजी तथा एसपी को भी 9 जनवरी 24 को भी जनसुनवाई में पत्र दिया है तथा उनसे कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा कि मंदिर,मस्जिद व गुरूद्वारे की जमीन बेची नहीं जा सकती और ना ही बिकती है। रामजी के मंदिर में पूजा-अर्चना प्रारंभ करवाई जाए।

श्री वर्मा ने इसके पूर्व भी कलेक्टर तथा मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिया जिसमें कहा कि ट्रस्टियों ने बिना इजाजत व निर्णय के जमीन बेचने का आरोप लगाया है। राम मंदिर में 150 से 200 साल पुरानी प्रतिमाएं है, जिन मूर्तियों को हटाया गया वह पुन: उसी स्थान पर स्थापित करवाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के नाते कलेक्टर के अधीन है तथा अनुविभागीय अधिकारी को भी कहा गया लेकिन वह भी कार्रवाई नही करते। 2008 में एसडीएम को आवेदन दिए गए थे। इतना ही नहीं ट्रस्टियों ने कई ट्रस्टियों के नाम हटाकर अन्य नाम लिख दिए। 150 साल पुराने राम मंदिर में संगमरमर की भगवान राम-जानकीजी, लक्ष्मण की अमुल्य मूर्तियां स्थापित थी जो समाज की धरोहर थी ,लेकिन ट्रस्टियों ने बिना पूछे हटा दिया और एसडीओ की भी इजाजत नहीं ली।

श्री वर्मा ने कलेक्टर, एसडीएम सहित मुख्यमंत्री को कई बार पत्र लिखे,लेकिन श्री मेढ़ क्षत्रिय मेवाड़ा स्वर्णकार समाज (जुनासात) ट्रस्ट के ट्रस्टियों की घपलेबाजी, मूर्ति को मंदिर से हटाने तथा उसकी जमीन को बेचने जैसे आपराधिक कृत्य पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि ट्रस्टियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए जिन्होंने मंदिर की प्रतिमाओं को स्थान से हटाकर जमीन बेच दी। सम्पूर्ण मामले की गंभीरता से जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी

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