रतलाम: ग्रामीण क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल का प्रशिक्षण जारी
रतलाम, 20 फ़रवरी (हि.स.)। शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से गंगासागर गार्डन में आशा कार्यकर्ताओं को छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल के पांच दिवसीय प्रशिक्षण का संचालन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आनन्द चंदेलकर के मार्गदर्शन में जिला कम्युनिटी मोबीलाईजर कमलेश मुवेल, बीईई श्रीमती इशरतजहां सैयद, प्रभारी बीईई लोकेश जोशी, सुनीता देवड़ा द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को शिशु जन्म के पहले दिन, तीसरे दिन, सातवें दिन, चौदहवें दिन, इक्कीस दिन, अट्ठाईसवें दिन शिशुओं की गृह आधारित देखभाल की जाती है। इसके साथ-साथ अब शिशु के तीन माह का होने पर, छह माह का होने पर, नौ माह का होने पर, बारह माह का होने पर और पन्द्रह माह का होने पर भी घर पर जाकर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह आधारित देखभाल की जाएगी।
गृह आधारित देखभाल के दौरान शिशुओं के पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, स्तनपान, एनिमिया, परिवार कल्याण सेवाओं की प्रदायगी के साथ-साथ बच्चों की वृद्धि एवं निगरानी चार्ट, वजन के अनुसार ऊंचाई बढना आदि की भी नियमित मानिटरिंग करते हुए आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाना सुनिश्चित की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में नवजात शिशुओं की 28 दिन तक देखभाल करने पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रति शिशु एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती थी, किन्तु अब शिशु के तीन माह का होने से 15 माह का होने तक आशा कार्यकर्ता को प्रति दौरा 50 रुपए के मान से कुल पांच दौरे करने पर 250 रुपए प्रोत्साहन राशि अतिरिक्त प्रदान की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी/नेहा
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