रतलाम: पुरानी पेंशन बहाली के लिए फरवरी में होने वाली हड़ताल टलने वाली नहीं: मिश्रा

रतलाम: पुरानी पेंशन बहाली के लिए फरवरी में होने वाली हड़ताल टलने वाली नहीं: मिश्रा
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रतलाम: पुरानी पेंशन बहाली के लिए फरवरी में होने वाली हड़ताल टलने वाली नहीं: मिश्रा


रतलाम, 17 दिसंबर (हि.स.)। ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री एवं जेसीएम के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने रविवार को यहां बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए 32 केंद्रीय संगठनों के साथ ही राज्य संगठनों का संघर्ष निरंतर जारी है। 96 प्रतिशत से अधिक हमारे सदस्यों ने फरवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन किया है। हड़ताल टलने वाली नहीं है। इसका निर्णय अटल है।

मिश्रा ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह बात कही। वे राष्ट्रीय पेंशनर डे के आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहां आए थे। उनके साथ ही वेस्टर्न रेलवे एम्पलाईज यूनियन के महामंत्री जेआर भौसले भी थे।

हम नहीं चाहते जनता को कोई परेशानी हो

मिश्रा ने बताया कि नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर शासन से चर्चा जारी है। कई दौर की बैठकें भी हो चुकी है। हम चाहते है कि चर्चा से कोई निर्णय हो, ताकि आम जनता को हड़ताल के कारण परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि विभिन्न चरणों में आंदोलन की शुरूआत होने वाली है, हड़ताल का नोटिस भी किया दिया जा रहा है। केंद्रीय नेतृत्व जंतर-मंतर दिल्ली पर क्रमिक भूख हड़ताल करेंगा। हमारी इस मांग के पीछे राज्य कर्मचारी संगठन भी साथ है। निचले स्तर तक हड़ताल का नोटिस देने का निर्णय लिया गया है, जिसकी कार्रवाई शीघ्र ही प्रारंभ होगी।

हड़ताल को व्यापक समर्थन मिल रहा है

उन्होंने कहा कि हड़ताल की तैयारियां व्यापक स्तर पर की जा रही है। केंद्र और राज्य कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में है और हड़ताल के निर्णय में व्यापक समर्थन मिल रहा है, रेले बंद होगी, केंद्रीय कार्यालय बंद होंगे, यहां तक की भारत भी बंद होगा।

पूर्व सांसद, विधायकों को मिल रही है पेंशन

उन्होंने कहा कि पेंशन पर सरकार की निगाह ठीक नहीं है, जबकि पूर्व सांसद, विधायकों को पेंशन मिल रही है लेकिन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने में सरकार हिचक रही है। उन्होंने पुरानी और नई पेंशन के बीच विसंगतियों का भी हवाला दिया।

निजीकरण नहीं होने देंगे

रेलों के निजीकरण के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है। 150 ट्रेनों के निजीकरण का निर्णय रेल प्रशासन ने लिया था। वित्त मंत्री ने भी 36 प्रतिशत संपत्ति बैचने की घोषणा की थी, लेकिन यह नहीं हो सका। हम निजीकरण के लगातार विरोध में है। सरकार के किसी भी कदम को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

अनुकम्पा नियुक्ति संवेदनशील मुद्दा

अनुकम्पा नियुक्ति के बारे में मिश्रा ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है इसे रेल प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए। कुछ स्थानों पर रेल मंडल प्रबंधक की हठधर्मिता के कारण परेशानी आ रही है। उसके लिए हम गंभीर कदम उठाएंगे। हमने इस मुद्दे को रेल मंत्रालय के समक्ष भी रखा है ताकि किसी भी अनुकम्पा नियुक्ति को रोका नहीं जाएं।

पत्रकारों एवं वरि. नागरिकों को रेल रियायत मिलना चाहिए

मिश्रा ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि अधिमान्य पत्रकारों तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रेल रियायतें सुविधा को पुन: बहाली के लिए हम भी पक्ष में है। हमने इस मुद्दे को हमारे एजेण्डे में भी ले रखा है। वे स्वयं भी उत्तर प्रदेश में पत्रकार-गैर पत्रकारों की युनियनों से जुड़े हुए है और वे पत्रकारों की हर मांग का समर्थन करते है। इस संबंध में हमने रेल मंत्री का ध्यान भी आकर्षित किया था और भविष्य में भी हम इस ओर गंभीरता से ध्यान देंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेनों में गंभीर बीमारियों के विशेष कोटे के साथ ही अन्य बीमारियों का भी कोटा भी निर्धारित हो इस संबंध में भी कई सुझाव आए है। हम प्रयास करेंगे कि यह कोटा बड़े।

देश के हर नागरिक को पेंशन मिले

कामरेड जे.आर. भोसले ने पत्रकारों को पुरानी पेंशन योजना के संबंध में बताया कि नई पेंशन योजना लागू करने से कर्मचारी खुश नहीं है। इसलिए हमने पुरानी पेंशन जो हमारा हक है उसके लिए हम आंदोलनरत है। देश के केंद्रीय और राज्य कर्मचारी भी इसी मांग को लेकर आंदोलनरत है। हम जनता की हर मांग के साथ है। हम यह भी चाहते है कि देश के हर नागरिक को पेंशन मिले ताकि वे अपना जीवन यापन सही तरीके से कर सके।

पत्रकारवार्ता में रेलवे एम्पलाईज युनियन के वरिष्ठ नेता कामरेड गोविन्दलाल शर्मा,राष्ट्रीय पेंशनर समन्वय समिति के एच.एन.जोशी,राम खिलावन कुमायुं, सेंट्रल गव्हर्नमेंट एवं रेलवे पेंशनर एसो. के अध्यक्ष प्रकाश व्यास, रेलवे एम्पलाईज यूनियन के मंडल अध्यक्ष नरेन्द्र सोलंकी एवं मंत्री बारोठ भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी/मुकेश

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