रतलाम: हर युवा में राम के चरित्र का उदय होगा तभी हमारी सांस्कृतिक सनातन ध्वजा लहरायेगी
रतलाम, 15 जनवरी (हि.स.)। मालवांचल लोक कला एवं संस्कृति संस्थान में मकर संक्रांति पर्व एवं श्रीराम महोत्सव पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. अर्चना सक्सेना ने कहा कि राम सबसे बड़े लोक देवता हैं । राम का लोक नायकत्व उनके धीरोदात्त गुण उनके मर्यादित आचरण में ही भारत की सम्पूर्ण संस्कृति के दर्शन होते हैं । आज राम की आवश्यकता है । तुलसी के राम जन जन के राम हैं। निराला के राम जन जन के राम है। सम्पूर्ण भारत भूमि राममय हो रही है । देश के हर युवा में राम के चरित्र का उदय होगा तभी हमारी सांस्कृतिक सनातन ध्वजा लहरायेगी।
डॉ. उषा व्यास ने अपने उद्बोधन में रामचरितमानस से राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि नई पीढ़ी में राम के जैसा धैर्य विनम्रता आदि गुणों की महती आवश्यकता है । तभी हम रामराज्य की परिकल्पना को साकार कर सकते हैें । आज राममय भारत भूमि वर्षो के संघर्ष के बाद सुखद स्वप्न को साकार कर रही है ऐसा लग रहा कि त्रेतायुग आ गया है ।
राम का चरित्र सम्पूर्ण आचरण संहिता है
अध्यक्षता कर रही डॉ. मंगलेशवरी जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि राम का व्यक्तित्व ही हमारी सम्पूर्ण संस्कृति है । सूर्य का उत्तरायण होना हमारी उत्तरोत्तर प्रगति का सूचक है ये परिवर्तन प्रकृति का ही नहीं पूरे भारत का परिवर्तन है । रामलला की प्रतिष्ठा भारत के इतिहास में नए युग को रच रही है । राम एक भाव है ,राम राग है विराग है अनुराग है । राम का चरित्र सम्पूर्ण आचरण संहिता है । अनुराधा खरे ने प्रेम मुदित मन से कहो राम राम राम गीत प्रस्तुत किया। शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के छात्रों में हार्दिक अग्रवाल ने कहा की रामलला की प्रतिष्ठा जन्म जनम की खोज में राम से चलकर राम को मिलने का संकेत देती है । कृतिका परमार ने राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप पर अपनी बात कही।
शिवकांता भदौरिया ने कहा कि राम हमारी संस्कृति के पर्याय है। नई पीढ़ी को संवारने के लिए राम के आदर्शों की महती आवश्यकता है। आपने राम बिना मोरी सुनी अयोध्या गीत प्रस्तुत किया ।
राम सम्पूर्ण विश्व के सांस्कृतिक सेतु हैं
डॉ.शोभना तिवारी कहा कि सूर्य का राशि परिवर्तन और भारत में राम राज्य की अनुगूंज ने सम्पूर्ण लोक चेतना में राम को स्थापित कर दिया। राम सम्पूर्ण विश्व के सांस्कृतिक सेतु हैं । अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा यह सन्देश दे रही है कि राम का उदात्त व्यक्तित्व एवं चरित्र ही भारत के प्राण हैं । अयोध्या का अर्थ है जिसे शत्रु जीत न सके , अर्थात जिसे जीता न जा सके वो अयोध्या है।
सूर्य का राशि परिवर्तन बहुत सारे संक्रमणों को दूर करता है
आकाश अग्रवाल ने मकर संक्रांति की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूर्य का राशि परिवर्तन बहुत सारे संक्रमणों को दूर करता है। हमारे सनातन धर्म में पहले से ही उल्लेखित है। हमारा धर्म विज्ञान सम्मत धर्म है। रश्मि उपाध्याय ने मकर संक्रांति में तिल, गुड़ एवं पतंग का उल्लेख करते हुए कहा कि तिल और गुड़ मधुरता लाते है। वैसे ही पतंग हमें ऊंचाइयों पर जाने का संदेश देती है । गिल्ली डंडा हमें जमीन से जोड़े रखता है । ऐसे ही राम के चरित्र में भी हमें धरती आकाश सभी के दर्शन होते हैं ।
भक्तिकाल का स्वर्णयुग अब आ गया ह
नूतन भट्ट ने सभी लोग रहते दुनिया मे पल्ला झाड़ के! मेरे राम प्रभु देते है छप्पर फाड़ के ! गीत प्रस्तुत किया । अखिल स्नेही ने मंगलाचरण एवं प्रिया उपाध्याय के गीत मेरी झोंपड़ी के भाग आज खुल जायेगें राम आएंगे से दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । संगोष्ठी में अतिथियों ने श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन पद के समवेत गायन के साथ श्रीराम सनातन ध्वज को लहराते हुए कहा कि भक्तिकाल का स्वर्णयुग अब आ गया है कहते हुए संक्रांति पर्व की बधाई प्रेषित की ।
संचालन डॉ शोभना तिवारी ने एवं आभार अखिल स्नेही ने माना। इस अवसर पर आभा गोड़, लीला उपाध्याय ,दीपा नागर ,सरिता नागर, सीमा राठौड़ ,भारती सिसोदिया ,रिशोक उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी
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