रतलाम: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा- कांग्रेस हुई सक्रिय

रतलाम: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा- कांग्रेस हुई सक्रिय
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रतलाम: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा- कांग्रेस हुई सक्रिय


रतलाम, 29 फ़रवरी (हि.स.)। लोकसभा के चुनाव को लेकर भाजपा तथा कांग्रेस ने अपनी जमावट करना प्रारंभ कर दिया है। भाजपा में जहां निरंतर संगठनात्मक बैठकें हो रही है वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भ्रमण कर कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने का काम किया है। उनका दौरा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रतलाम-सैलाना में आने वाली न्याय यात्रा की तैयारी को लेकर भी था। दौरा कार्यक्रम के अनुसार 5 मार्च को राहुल गांधी की इस क्षेत्र में रोड़ शो तथा दो सभाएं भी होगी ,जिसमें एक रतलाम तथा दूसरी सैलाना में होगी।

कांग्रेस से पलायन करने वालों की संख्या निरंतर बड़ रही है। कई दिग्गज नेता भाजपा का दामन थाम चुके है। इससे कांग्रेस खेमे में हताशा और निराशा का माहौल भी देखा जा रहा है। जीतू पटवारी ने प्रदेश इकाई भंग कर दी है जिससे भी कार्यकर्ता,नेताओं में असंतोष फैला हुआ है। अभी संगठन पर उन नेताओं का कब्जा है जो वर्षों से कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे है। नए कार्यकर्ता चाहते है कि उन्हें मौका मिले लेकिन संसदीय क्षेत्र के जो वरिष्ठ नेता है वे पद छोडऩा नहीं चाहते और जिन्हें पद से हटाया उनमें असंतोष व्याप्त है। उसका खामियाजा भी कांग्रेस को पिछले चुनाव में भुगतना पड़ा है। जब तक पूरा नेतृत्व परिवर्तित होकर कमान सक्रिय नेताओं के हाथ में नहीं आती तब तक कांग्रेस में भी जोश की संभावना उतनी नहीं रहेगी जिसकी संभावना व्यक्त की जा रही है।

रतलाम जिले को तीन ससंदीय क्षेत्रों से जुड़े होने का गौरव

रतलाम जिला पृथक से भले ही संसदीय क्षेत्र नहीं बन पाया लेकिन इसे तीन संसदीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल है। रतलाम जिले में पांच विधानसभा सीटें है, जिनमें से तीन विधानसभा सीट झाबुआ-अलीराजपुर संसदीय क्षेत्र से जुड़ी है।

यह है रतलाम ग्रामीण, सैलाना आदिवासी क्षेत्र, झाबुआ अलीराजपुर की सभी सीटे जनजाति आरक्षित है, केवल पूरे संसदीय क्षेत्र में रतलाम शहर ही ऐसी सीट है जो सामान्य है। आलोट विधानसभा क्षेत्र उज्जैन संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यह अनुसूचित जाति (एसटी) सीट है और संसदीय सीट भी अनुसूचित जाति की ही है, जहां अक्सर उज्जैन क्षेत्र के उम्मीदवार को ही चुनाव लडऩे का मौका मिलता है। वर्तमान में भी क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया उज्जैन जिले से ही है।

जावरा विधानसभा क्षेत्र मंदसौर संसदीय क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। यह भी सामान्य सीट है। जहां से वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता है, जो मंदसौर जिले के है। काफी पहले डा. लक्ष्मीनारायण पाण्डेय रतलाम जिले के होकर जावरा विधानसभा के निवासी रहे जिन्हें सात या आठ बार संसद में पहुंचने का मौका मिला है। वे उस लहर में भी जीते जब जनसंघ की सीमित सीटे संसद में हुआ करती थी। इसके बाद से मंदसौर के उम्मीदवार को ही चुनाव लडऩे का मौका मिला है।

इन तीनों संसदीय क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवार ही गत चुनाव में विजयी हुए थे। झाबुआ संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा। यहां से गत चुनाव में भाजपा के गुमानसिंह डामोर विजयी हुए और मंदसौर संसदीय क्षेत्र से सुधीर गुप्ता व उज्जैन से अनिल फिरोजिया वर्तमान में भाजपा के सांसद है।

आने वाले लोकसभा चुनाव में इन तीनों संसदीय क्षेत्र का परिदृश्य क्या होगा? भाजपा-कांग्रेस से कौन उम्मीदवार होंगे? उम्मीदवारों को लेकर चयन की प्रक्रिया दोनों ही दलों में चल रही है। हाल ही में यह मांग उठी थी कि लोकसभा का नया परिसीमन किया जाए और जिलेवार लोकसभा की सीटें तय की जाए। वर्तमान में रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र ही ऐसा है जो इंदौर व उज्जैन संभाग को कवर करता है और कई प्रशासकीय मामले इसी कारण अधर में लटके हुए रहते है। योजनाएं भी मंथन गति से चलती है,लेकिन नागरिकों की समस्याओं की चिंता न तो कांग्रेस ने की और ना भाजपा ने की। यदि सरकारें गंभीर होती तो जनता की यह परेशानी दूर हो सकती थी।

भविष्य में केंद्र और राज्य सरकारों को विचार करना पड़ेगा कि हर जिले को लोकसभा सीट एक हो तथा एक ही संभाग से उसका नाता रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी/नेहा

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