छठ महापर्वः पूर्वांचल के हजारों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य

छठ महापर्वः पूर्वांचल के हजारों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य
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छठ महापर्वः पूर्वांचल के हजारों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य


छठ महापर्वः पूर्वांचल के हजारों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य


- शहर, प्रदेश, देशवासियों के सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य की कामनाएं की

इंदौर, 19 नवंबर (हि.स.)। काँच ही बांस के बहंगिया बहँगी लचकत जाये'', `आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ, ``सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ। हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार'', `' चार पहर हम जल थल सेविला, सेविला चरण तोहार, हे छठी मईया दर्शन दिहि ना आपन'' जैसे भावविभोर कर देने वाले पारम्परिक छठ महापर्व के लोकगीतों के बीच रविवार शाम को शहर के विभिन्न छठ घाटों पर बिहार एवं पूर्वांचल के हजारों लोगों ने भगवान भास्कर के डूबते स्वरुप को अर्घ्य देकर घर परिवार, समाज एवं देश के सुख समृद्धि एवं शान्ति की कामनाएं की।

छठी मैया के मन को झंकृत कर देने वाली लोक गीतों के बीच पूरे शहर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में 125 से अधिक छठ घाटों- विशेष रूप से स्किम न 54, अनुपम नगर, स्किम न 78, पिपलियापाला तालाब, बाणगंगा कुंड, देवास नाका, सुखलिया, तुलसी नगर, श्याम नगर एनेक्स, समर पार्क, नंदबाग, कैट रोड, सिलिकॉन सिटी, कालानी नगर, वक्रतुण्ड नगर, मांगलिया, शिप्रा मां अम्बे नगर, एरोड्रोम रोड, ड्रीम सिटी एवं शहर के कतिपय अन्य क्षेत्रों में स्थित छठ घाटों का नज़ारा बिलकुल भक्तिमय हो गया। इन घाटों पर ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे मालवांचल में सम्पूर्ण बिहार एवं पूर्वांचल उतर आया हो।

जहां एक तरफ पूरा शहर आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल मैच देखने में तल्लीन था, वहीं दूसरी तरफ शहर में रह रहे बिहार-पूर्वांचल के छठ श्रद्धालुओं का रविवार दोपहर पश्चात छठ घाटों पर छोटे छोटे समूहों में आना शुरू हो गया और शाम 4 बजते बजते छठ व्रती महिलाएं, पुरुष मुँह प्रसाद से भरे बाँस की टोकरियाँ लेकर इन घाटों पर पहुँच चुके थे। छठी मैया के मनभावन लोक गीतों से सम्पूर्ण वातावरण में भक्ति एवं आस्था के रंग में लोग रचे नजर आ रहे थे और एक दूसरे को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दे रहे थे।

पूर्वोत्तर सांस्कृति संस्थान के प्रदेश महासचिव केके झा ने बताया कि जैसे ही रविवार शाम 5 बजकर 42 मिनट पर भगवान् भास्कर अस्ताचल में समाने लगे, उसी समय जलकुंड में खड़े व्रती महिलाओं एवं पुरुषों ने प्रसाद से भरी टोकरियों को अपने हाथों में लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना प्रारम्भ किया तथा अपने संतान, परिजनों के अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु जीवन के साथ सम्पूर्ण शहर, प्रदेश एवं राष्ट्र के लोगों के लिए मंगल कामनाएं कीं।

विधायक रमेश मेंदोला, इंदौर नगर निगम के सभापति मुन्नालाल यादव तथा मेयर इन कौंसिल के सदस्य राजेंद्र राठौर के साथ विजय नगर छठ घाट पर पहुँचकर भगवान् भास्कर को अर्घ्य दिया। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात व्रतियों ने अपने परिवार, सम्बन्धियों के साथ प्रसाद लेकर पुनः अपने घरों को प्रस्थान किया। शहर में कई छठ महापर्व आयोजन समितियों द्वारा रात्रि में प्रसिद्द भजन गायक, गायिकाओं द्वारा भजन एवं छठ के लोक गीतों का प्रस्तुतीकरण किया गया।

सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा

सूर्य उपासना का यह पर्व सोमवार सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात समाप्त होगा। अर्घ्य के पश्चात व्रती के परिवारों द्वारा श्रद्धालुओं में ठेकुआ एवं फलों के प्रसाद का वितरण किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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