मप्रः हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी मामले में दिए प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाने के निर्देश
जबलपुर, 23 मार्च (हि.स.)। भोपाल गैस त्रासदी के मुआवजा से जुड़े मामलों में सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पक्षकार नहीं बनाने के मामले को उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है। इसी के साथ मुआवजे से जुड़े सभी प्रकरणों में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को आवश्यक रूप से पक्षकार बनाने के निर्देश दिए दिए। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को निर्धारित की है।
यह मामला भोपाल निवासी गुलजान की ओर से दायर किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता और उनका परिवार भी गैस पीड़ित है। गैस रिसाव के कारण हुई बीमारी का इलाज भी हुआ और संबंधित डाक्टर ने भी इस संबंध में गवाही दी थी। इसके बावजूद उन्हें पीड़ित वर्ग में शामिल नहीं किया गया और आयुक्त कल्याण भोपाल गैस पीड़ित ने उनका मुआवजा का दावा निरस्त कर दिया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में आयुक्त को पक्षकार बनाया गया था, जिस पर हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई। न्यायालय ने कहा कि पीड़ितों को मुआवजा देने का काम राज्य शासन का है। इसलिए राज्य के संबंधित विभाग प्रमुख को आवश्यक पक्षकार बनाना जरूरी है। युगलपीठ ने आयुक्त भोपाल गैस पीड़ित कार्यालय से मुआवजे के जितने भी मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं, उन सभी में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पक्षकार बनाने के निर्देश दिये हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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