मप्रः आष्टा में एथेन क्रैकर प्लांट का विरोध, किसानों ने अधिकारियों के सामने किया प्रदर्शन
सीहोर, 11 जून (हि.स.)। जिले के आष्टा में बनने वाले देश के सबसे बड़े एथेन क्रैकर प्रोजेक्ट के लिए जमीन का सीमांकन चल रहा है, लेकिन ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने यहां लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी इसका विरोध किया। कुछ किसान और महिलाओं ने खुदकुशी करने की कोशिश की। उन्होंने पेड़ पर रस्सी बांधकर फांसी का फंदा लगा लिया। यह देख राजस्व विभाग का अमला बिना नपती किए लौट गया। टीम जिस सरकारी गाड़ी में आई थी, उसे भी खेतों में छोड़ गई।
जानकारी के अनुसार, बागेर क्षेत्र में सरकारी जमीन की नपती के बाद राजस्व विभाग की टीम मंगलवार शाम करीब चार बजे खानदौरापुर (भंवरी) पहुंची थी। यहां किसानों की जमीन की नपती शुरू की। इस पर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया। करीब एक घंटे तक बहस चलते रही। सीमांकन का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि हम अपनी जमीन नहीं देंगे। नायब तहसीलदार मुकेश सांवले ने लोगों को समझाया कि आपकी जो समस्या है, उसे लिखकर दीजिए। हम समाधान कराएंगे। दोनों पक्षों में करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। ग्रामीण खेतों की नपती का विरोध करते रहे।
विरोध के बीच तीन-चार किसान और कुछ महिलाओं ने रस्सी का फंदा बनाकर गले में डाल लिया। ग्रामीणों के विरोध और लोगों के फांसी लगाने के प्रयास को देखकर नायब तहसीलदार, पुलिस व राजस्व विभाग की टीम शाम 5:15 बजे खेतों से चली गई। इसके करीब आधा घंटे बाद शाम करीब 5:45 बजे पांच पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने खेतों में बैठे लोगों से चर्चा की।
किसानों का कहना है कि हमारा विरोध सिर्फ यही है कि हमसे चर्चा किए बिना हमारी आजीविका हमारे खेत छीने जा रहे हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि हम तहसील से लेकर एसडीएम और कलेक्टर को आवेदन दे चुके हैं। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
लोगों के विरोध की सूचना मिलने पर आष्टा एसडीएम स्वाति उपाध्याय शाम करीब 6 बजे ग्राम भंवरी पहुंची। एसडीएम के पहुंचने पर राजस्व विभाग की टीम और पलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से चर्चा की। एसडीओपी आकाश अमलकर और आष्टा थाना प्रभारी भी गांव पहुंचे। किसानों का कहना है कि हमारी मांग है कि इस प्लांट को बंजर जमीन पर लगाएं। एसडीओपी आकाश अमलकर ने कहा कि लोगों के विरोध को देखते हुए अफसर एक तरफ चले गए थे।
एसडीएम स्वाति उपाध्याय ने कहा कि किसान और ग्रामीणों की अनुमति के बिना सीमांकन नहीं करेंगे। एसडीएम ने यहां मौजूद महिलाओं से भी चर्चा की। उनसे कहा कि हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जिससे आपका नुकसान हो। करीब आधा घंटे चर्चा के बाद शाम 6:30 बजे एसडीएम सहित अन्य अमला आष्टा की ओर लौट गया। इसके बाद ग्रामीण भी अपने घर चले गए।
बता दें कि इसके पहले सोमवार को भी ग्रामीणों ने तहसीलदार को घेरकर विरोध जताया था। जब तहसीलदार ने उनसे कहा कि सिर्फ सरकारी जमीन का सीमांकन कर रहे हैं तो विरोध कर रहे लोग वहां से चले गए थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।