तकनीक के साथ प्रगति, मप्र में RAMS और IPMS से सड़कों और परियोजनाओं का स्मार्ट प्रबंधन
भोपाल, 24 सितंबर (हि.स.)। लोकनिर्माण विभाग प्रदेश में सड़क निर्माण और रखरखाव को तकनीकी दृष्टिकोण से सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। राज्य में सड़कों की स्थिति का सटीक आंकलन और प्रभावी रखरखाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रोड ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम (RAMS) को लागू किया गया है। इसके साथ ही, परियोजना प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) भी जल्द शुरू किया जा रहा है। इन दोनों प्रणालियों का उद्देश्य है राज्य की बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाना और निर्माण कार्यों को अधिक प्रभावी बनाना।
रोड ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम (RAMS): सड़क प्रबंधन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण
जनसम्पर्क अधिकारी अरुण शर्मा ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सड़क नेटवर्क का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए रोड ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम (RAMS) का उपयोग एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली, जो कि जी.आई.एस. आधारित है, सड़कों की सतह, उसकी मजबूती, ट्रैफिक और वाहनों के लोड को मापने में सक्षम है। इसके माध्यम से सड़कों की वास्तविक स्थिति का सटीक मूल्यांकन किया जाता है, जो रखरखाव और सुधार कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
वर्तमान में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) के अंतर्गत रोड ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम (RAMS) को 10,000 किलोमीटर के सड़क नेटवर्क पर लागू किया गया है, और 14,000 किलोमीटर मुख्य जिला मार्गों के सर्वेक्षण की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया से एकत्रित डेटा के आधार पर वार्षिक सड़क रखरखाव योजना तैयार की जाएगी, जिससे सड़क सुधार के लिए आवश्यक संसाधनों और कदमों का बेहतर निर्धारण हो सकेगा।
रोड ऐसेट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सरकार को सड़कों की स्थिति का वैज्ञानिक आधार पर अध्ययन करने में मदद मिलेगी। यह योजना न केवल वर्तमान स्थिति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं का भी आंकलन करेगी। इससे सड़क निर्माण और रखरखाव पर किया गया निवेश अधिक प्रभावी होगा और राज्य की आर्थिक प्रगति को भी गति मिलेगी।
इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS): परियोजना प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता
परियोजना प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) जल्द ही लागू किया जाएगा। इस नई प्रणाली के तहत परियोजनाओं की सभी अनुमतियां और स्वीकृतियां कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से जारी की जाएंगी, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समयबद्ध होगी।
इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से राज्य में निर्माण परियोजनाओं की वित्तीय और भौतिक प्रगति की रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी। इससे किसी भी परियोजना में हो रही देरी या अनियमितता को समय पर जांचा जा सकेगा और आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे। यह प्रणाली परियोजना प्रबंधन को अधिक पारदर्शी बनाएगी। यह नई व्यवस्था परियोजनाओं के समय पर और कुशलता से पूरे होने को सुनिश्चित करेगी। IPMS के तहत सभी निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी सटीक रूप से उपलब्ध होगी, जिससे परियोजना से जुड़े सभी पक्षों के बीच समन्वय बेहतर हो सकेगा।
सरकार की दूरदर्शिता और नागरिकों का लाभ
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई ये दोनों योजनाएं राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगी। RAMS से जहां सड़कों की गुणवत्ता और संरचना में सुधार होगा, वहीं IPMS से परियोजनाओं का कुशल और पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। ये पहल राज्य की आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को तेज करेंगी, जिससे प्रदेश के नागरिकों को बेहतर सड़कों और सेवाओं का लाभ मिलेगा।
इस तकनीकी प्रगति के साथ, मध्यप्रदेश एक मजबूत और सशक्त बुनियादी ढांचे की ओर बढ़ रहा है, जो राज्य की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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