रतलाम: बाल विवाह रुकवाने पहुंची पुलिस, परिवार को समझाया
रतलाम, 20 मई (हि.स.)। अक्सर देखने में आता है कि अच्छे घर चंद पैसे और शराब के लालच में आकर कम उम्र में ही लडकी का बाल विवाह कम एवं दोगुने उम्र के व्यक्ति से कर माता-पिता लड़कियों की जान और स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं उनकी इसी गलत सोच पर सृष्टि समाज सेवा समिति ने बाल विवाह कुप्रथा पर आधारित शार्ट नाट्य रूपांतरण बनाकर सृष्टि संस्था के सोशल मीडिया पर प्रसारित किया है।
संस्था अध्यक्ष सतीश टाक ने मंगलवार को बताया कि आज भी हमारे समाज में बाल विवाह जैसी कुप्रथा चलन में है सच तो यह है कि गांवों में अभी भी कई समाज के लोग शान समझकर रूढ़िवादी परंपराओं को बढ़ावा दे रहे है और बच्चों का जीवन अंधकार मय बना रहे हैं।
संस्था के सदस्यों ने शॉर्ट नाट्य मंचन के माध्यम से पुरानी परंपराओं, कुप्रथा पर लगाम लगाकर जागरूकता लाने का प्रयास किया है। इस शॉर्ट नाट्य मंचन में बच्चों सहित उनके अभिभावकों ने भी अपना किरदार निभाया है। 4 मिनट की मूवी में बताया गया कि एक गरीब परिवार रहता है जिनकी पहले से ही दो लड़की होती है और तीसरी हो जाती है। परिवार बेटी की मां को ताने देकर जलील करते हैं दुखी मन से बड़ी करते हैं और 7 वर्ष की उम्र में ही बाल विवाह करने लगते हैं इसी दौरान पुलिस पहुंचती है एवं माता-पिता, दादी एवं बाल विवाह कराने वाले पंडित को गिरफ्तार करने आई पुलिस समझाइश देती है कि बाल विवाह कानूनी अपराध है।
इन्होंने किया अभिनय --- कंचन बाई डोई(दादी), ज्योति चौहान (लड़की की मां) , सतीश टाक (पिता), काजल टाक (पंडित), अनिता चौहान, यशोदा टाक, हिना,मनीष चौधरी (पुलिस) सहित बच्चो ने क़िरदार निभाया।
विडियो शूट एडिटिंग दिव्या श्रीवास्तव ने किया
संस्था द्वारा नशा मुक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित अन्य शार्ट मूवी बनाई जा रही है जिससे जन जागृति आए
हिन्दुस्थान समाचार/शरद जोशी/मुकेश
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