सीधीः पीएम कॉलेज आफ एक्सीलेंस बना संजय गांधी स्मृति शासकीय महाविद्यालय
- खुलेंगे नए पाठ्यक्रम, एक जुलाई को होगा दीक्षारंभ कार्यक्रम
सीधी, 26 जून (हि.स.)। उच्च शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार, दक्षता में वृद्धि लाने तथा छात्र-छात्राओं को सरलता से रोजगार उपलब्ध हो इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशानुसार प्रदेश के 55 महाविद्यालयों को प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया है। प्रत्येक जिले के एक-एक महाविद्यालय को इसके लिए चुना गया है। सीधी जिले से यह उपलब्धि संजय गांधी स्मृति शासकीय महाविद्यालय को मिली है, जिसके उद्घाटन दीक्षारंभ कार्यक्रम की तैयारी चल रही है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पीके सिंह ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि महाविद्यालय में कुछ नवीन पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे जिनमें बायोटेक, मनोविज्ञान एवं कंप्यूटर साइंस इसी सत्र से स्नातक कक्षाओं में प्रारंभ हो रहा है, जबकि संस्कृत में स्नातकोत्तर की कक्षाएं इस वर्ष से संचालित होंगी, जिनके एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही बीकॉम में नया पाठ्यक्रम रिटेल ऑपरेशन मैनेजमेंट भी प्रारंभ हो चुका है। बी.एड.एवं कृषि में स्नातक भी प्रारंभ करना है जिसकी शुरुआत करने की प्रारंभिक कार्यवाही चल रही है जो जल्द ही प्रवेश के लिए पोर्टल पर प्रदर्शित होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं फिनटेक कोर्सेज से संबंधित डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जाएंगे। छात्र-छात्राओं की आवागमन की सुविधा के लिए 1 जुलाई से बस सेवा प्रारंभ की जावेगी जिसका प्रति दिवस का रूट निर्धारित होगा।
उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी का आउटलेट भी खुलेगा जिससे विद्यार्थियों को क्रय करने के लिए पुस्तक उपलब्ध होगी। साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगेगी और समय-समय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना अंतर्गत डिस्प्ले के माध्यम से प्रत्येक महीने की गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाएगा जिससे विद्यार्थियों को समय पर सभी गतिविधियों की जानकारी हो सके एवं छात्र-छात्राएं उसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सके।
निश्चित रूप से प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है जो मध्य प्रदेश को उच्च शिक्षा में शीर्ष पर ले जाएगा तथा जिसका लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा। महाविद्यालय के शिक्षकों पर भी नए उत्तरदायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी होगी और सभी के सहयोग से हम इस उद्देश्य को प्राप्त करेंगे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पी.के. सिंह ने इन सभी उत्तरदायित्व के निर्वहन के लिए प्राध्यापकों की समितियां भी बना दी हैं। शासन के निर्देशानुसार उद्घाटन के पूर्व महाविद्यालय में रंगाई/ पुताई, साफ-सफाई एवं मुख्य गेट का निर्माण तथा महाविद्यालय को हरा भरा बनाने के लिए विद्या वन का निर्माण किया जाना है जो सभी कार्य पीडब्ल्यूडी के माध्यम से किये जा रहे हैं। 1 जुलाई के पूर्व सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे।
प्राचार्य डॉ सिंह ने सभी नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं से आग्रह किया है कि 1 जुलाई को दीक्षारंभ कार्यक्रम में सभी आवश्यक रूप से महाविद्यालय में उपस्थित हों जिससे महाविद्यालय के शिक्षकों, सभी विभागों एवं इंफ्रास्ट्रक्चर से उनका परिचय हो सके।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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