पीएफएमएस एक सुदृढ़ नेटवर्क प्रणाली, 3.48 लाख करोड़ की हुई बचत : सीजीए दुबे

WhatsApp Channel Join Now
पीएफएमएस एक सुदृढ़ नेटवर्क प्रणाली, 3.48 लाख करोड़ की हुई बचत : सीजीए दुबे


भोपाल में हुआ लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली पर पहला क्षेत्रीय सम्मेलन

भोपाल, 2 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली पर पहला क्षेत्रीय सम्मेलन में भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक श्याम सुन्दर दुबे ने पीएफएमएस की पारदर्शिता और दक्षता के साथ निधियों के वितरण में इसकी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि पीएफएमएस एक सुदृढ़ नेटवर्क प्रणाली है, जो विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, बैंकों, भारतीय रिजर्व बैंक और नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं से जुड़ी हुई है। दुबे ने कहा कि पीएफएमएस जैसी सशक्त प्रणाली से लाभार्थियों के दोहराव की और फर्जी लाभार्थियों को समाप्त कर अब तक लगभग 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत की है।

लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) पर पहला क्षेत्रीय सम्मेलन शुक्रवार को भोपाल स्थित आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी में आयोजित किया गया। भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीजीए) दुबे ने सम्मेलन का शुभारंभ किया। मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सम्मेलन में मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

एसएनए-स्पर्श प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन में पीएफएमएस की भूमिका महत्वपूर्ण: मुख्य सचिव जैन

मप्र के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पीएफएमएस का स्वागत करते हुए केन्द्र सरकार में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान हुए इससे संबंधित अनुभव साझा किए। उन्होंने SNA-SPARSH प्रणाली के माध्यम से पीएफएमएस की उस भूमिका की सराहना की, जिसके अंतर्गत सरकार को निधियों के निष्क्रिय रूप से रखे जाने के लिए ऋण लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

मुख्य सचिव जैन ने कहा कि पीएफएमएस आधुनिक सार्वजनिक वित्त प्रबंधन का आधार बन चुका है, जिससे राज्य सरकारें जन-कल्याणकारी योजनाओं को तेजी, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में सक्षम हुई हैं। उन्होंने PFMS, RBI और राज्य सरकारों के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए इसे डिजिटल इंडिया के विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

सम्मेलन में पीएफएमएस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके विभिन्न मॉड्यूल्स पर प्रस्तुतियाँ दीं। सम्मेलन में राज्य वित्त विभाग, कोषालय लेखा निदेशालय और विभिन्न राज्य सरकारों के विभागों एवं मंत्रालयों के अधिकारी सम्मिलित हुए। प्रतिभागियों को SNA-SPARSH, DBT और DBT-SPARSH जैसे मॉड्यूल्स की नवीनतम कार्यप्रणालियों की विस्तृत जानकारी दी गई।

यह सम्मेलन कार्यान्वयन एजेंसियों, सरकारी विभागों तथा प्रत्यक्ष लाभार्थियों से सुझाव प्राप्त कर पीएफएमएस प्रणाली में सुधार की दिशा में मार्ग प्रशस्त करने का एक मंच सिद्ध हुआ। सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों को SNA-SPARSH से संबंधित तकनीकी प्रश्नों के समाधान भी प्रदान किए गए। निकट भविष्य में इस प्रकार की क्षेत्रीय सम्मेलन विभिन्न राज्यों में आयोजित किये जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

Share this story