ग्वालियरः पानी सहेजने के लिए लोगों ने बढ़ाए हाथ, जन सहयोग से 44 जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार शुरू
- कलेक्टर चौहान ने की “जल गंगा संवर्धन अभियान” की समीक्षा, जनभागीदारी से जल संरचनाओं के पुनर्जीवन पर दिया जोर
ग्वालियर, 07 जून (हि.स.)। जिले में “जल गंगा संवर्धन अभियान” को साझा प्रयासों से मूर्तरूप दिया जा रहा है। अपने-अपने गाँव की पुरानी जल संरचनाओं को सहेजने के लिये ग्रामीणजन उत्साह के साथ आगे आ रहे हैं। जिले के ग्रामीण अंचल में अब तक जन सहयोग से 44 पुरानी जल संरचनाओं के पुनर्जीवन का काम शुरू हो चुका है। इन संरचनाओं से लगभग एक लाख 13 हजार घन मीटर जल ग्रहण क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।
यह जानकारी कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई “जल गंगा संवर्धन अभियान” की समीक्षा बैठक में दी गई। राज्य सरकार की पहल पर विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से शुरू हुआ यह अभियान 16 जून तक चलेगा। कलेक्टर ने कहा कि जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार में अधिकाधिक जनभागीदारी हो, जिससे ये संरचनाएँ गुणवत्ता के साथ पुनर्जीवित हों। साथ ही इनके प्रति स्थानीय लोगों में लगाव पैदा हो। उन्होंने जल संरचनाओं के आसपास देख-रेख के पुख्ता इंतजामों के साथ वृहद स्तर पर वृक्षारोपण भी करें।
कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई बैठक में “जल गंगा संवर्धन अभियान”, वृक्षारोपण की तैयारी, बरसात से पूर्व पुल-पुलियों व सड़कों की मरम्मत, आपदा प्रबंधन, डेंगू व मलेरिया की रोकथाम, खरीफ के लिये खाद-बीज की व्यवस्था, स्कूल चलें हम व कॉलेज चलें अभियान, अस्पतालों और मॉल की फायर ऑडिट सहित राज्य सरकार के प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। बैठक में नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार व अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
बाँधों सहित अन्य जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने पर जोर
कलेक्टर रुचिका चौहान ने “जल गंगा संवर्धन अभियान” की समीक्षा बैठक में रमौआ बाँध सहित जिले के अन्य बाँधों व जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने पर विशेष बल दिया। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को रमौआ डैम पर अतिक्रमण रोकने के लिये बाउण्ड्रीवॉल बनवाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये विशेष मुहिम चलाई जाए, इसके परिणाम धरातल पर दिखने चाहिए।
रोपे गए हर पौधे की रक्षा का इंतजाम हो
“जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत जिले में विभिन्न विभागों के समन्वय एवं समाज की भागीदारी से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। कलेक्टर ने बैठक में जोर देकर कहा कि अभियान के तहत रोपा गया हरेक पौधा पेड़ बन सके, इसके लिए पौधों के रख-रखाव व पानी की पुख्ता व्यवस्था की जाए। इसमें कोई ढ़िलाई न हो। उन्होंने सड़कों व जल संरचनाओं के किनारे, बाउण्ड्रीवॉल युक्त दफ्तरों, पहाड़ियों व सरकारी जमीन पर सुनियोजित प्लान बनाकर वृक्षारोपण कराने के लिये कहा। जिले में लगभग 5 लाख पौधे रोपने की कार्ययोजना बनाई जा रही है।
हर सरकारी अस्पताल में उपलब्ध रहें “लू मैनेजमेंट किट”
लगातार बढ़ रहे तापमान को ध्यान में रखकर जिले के प्रत्येक सरकारी अस्पताल में लू के उपचार के लिए पुख्ता प्रबंध रखने पर कलेक्टर ने विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में “ओआरएस कॉर्नर” हो। साथ ही “लू मैनेजमेंट किट” की पर्याप्त उपलब्धता रहे।
डेंगू, मलेरिया व वर्षा जनित बीमारियों की रोकथाम के पुख्ता उपाय करें
कलेक्टर रुचिका चौहान ने बरसात से पूर्व डेंगू मलेरिया व वर्षा जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर पुख्ता उपाय करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा राज्य शासन द्वारा निर्धारित गाईड लाइन के तहत इन बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएँ।
बरसात से पूर्व पुल-पुलियों व सड़कों की मरम्मत पूर्ण करें
कलेक्टर ने लोक निर्माण सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून आगमन से पहले जिले के चिन्हित पुल-पुलियों व सड़कों की मरम्मत कराएँ। साथ ही जिन क्षेत्रों में बरसात के दौरान अत्यधिक जल भराव होने से बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित होती हो वहाँ लोगों को आश्रय देने के लिये अभी से शासकीय भवन चिन्हित कर लें। साथ ही एहतियात बतौर यह भी इंतजाम कर लें कि इन आश्रय स्थलों पर राशन, पेयजल व बिजली इत्यादि बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था कहां से होगी।
हर अस्पताल व मॉल की फायर ऑडिट हो
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के हर छोटे-बड़े अस्पताल, मॉल, दफ्तर व बड़े प्रतिष्ठानों की फायर ऑडिट कराएँ। इन सभी जगहों पर फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। इस काम में कोई ढ़िलाई न हो।
बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को फिर से शाला में भर्ती कराएँ
“स्कूल चलें हम” और “कॉलेज चलें” अभियान को प्रभावी ढंग से अंजाम देने के निर्देश भी कलेक्टर ने बैठक में दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक से कहा कि बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके शाला त्यागी बच्चों की पढ़ाई फिर से सुचारू कराएँ। इस काम को अभियान बतौर किया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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