मप्रः मंत्री परमार ने किया एसवी पॉलीटेक्निक कॉलेज का निरीक्षण

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मप्रः मंत्री परमार ने किया एसवी पॉलीटेक्निक कॉलेज का निरीक्षण


- दिए पर्यावरण एवं जल संरक्षण के दिए निर्देश, कहा- विद्यावन और विद्या संवाद केंद्र विकसित करने से अभिप्रेरक आदर्श संस्थान बनेगा कॉलेज

भोपाल, 30 जून (हि.स.)। उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने रविवार को भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलिटेक्निक महाविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने महाविद्यालय परिसर में टैगोर हॉस्टल का निरीक्षण कर संस्थान परिसर में पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मंत्री परमार ने संस्था परिसर में उपलब्ध भूमि पर विद्यार्थियों, प्राध्यापकों एवं संस्थान के अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा वृक्षारोपण कर विद्यावन तैयार करने के लिए इसे व्यापक रूप में वर्षाकाल से प्रारंभ करने को कहा। उन्होंने कहा कि बंजर भूमि मे सघन वृक्षारोपण किया जाये। नीम, पीपल, करंज, मौलश्री, गूलर, इमली, महुआ इत्यादि पौधों को प्राथमिकता दी जाए, पौधे पर्यावरण के अनूकूल हों और पूर्व दिशा की ओर नीम, पीपल और बरगद की त्रिवेणी लगाई जाये। उन्होंने कहा कि पंक्षियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए मध्य में मौलश्री के पौधे लगाए जाएं और पहले से स्थित वृक्षों को यथास्थान रख उनकी भी देखरेख की जाए।

तकनीकी शिक्षा मंत्री परमार ने संस्थान परिसर में जल संरक्षण की दृष्टि से व्यापक प्रबंध किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि भूमि के ढलान वाले भाग पर खुदाई कर रैन वॉटर हार्वेस्टिंग के द्वारा परिसर के व्यर्थ बह जाने वाले जल को संरक्षित कर भू जल के स्तर को बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। पौधों और वृक्षों को जल आपूर्ति के लिए ड्रिप इरीगेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विद्यावन रूपी सघन वन मे छात्रों के अध्ययन के लिए ग्लास हाउस भी बनाया जाए।

परमार ने कहा कि समीप स्थित खेल मैदान को पीली मिट्टी से समतल कर विकसित किया जाये और संस्थान परिसर मे सुरक्षा दीवार का निर्माण कराएं। परिसर की बाउंड्रीवॉल, सुरक्षा दीवारों एवं अन्य दीवारों पर भारतीय तकनीकी एवं पुरातन ज्ञान संबंधी जानकारी लिखकर विद्यार्थियों को अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि दीवारों पर वेदों, उपनिषदों में उल्लेखित ज्ञान-विज्ञान, औषधि एवं इंजीनियरिंग पर आधारित घटनाओं एवं प्रतीकों का चित्रण और लेखन किया जाए।

परमार ने नैसर्गिक परिवेश में विद्यार्थियों के मध्य वाद-संवाद के लिए विद्या संवाद केंद्र विकसित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि परिसर में अव्यवस्थित पड़े पत्थरों को व्यवस्थित कर विद्या संवाद केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। महाविद्यालय परिसर में विद्यावन एवं विद्या संवाद केंद्र विकसित कर संस्थान को आदर्श रूप में स्थापित किया जाए, जिससे प्रदेश के सभी तकनीकी, शासकीय, अनुदान प्राप्त और निजी महाविद्यालयों में 'विद्या-वन' विकसित होने के लिए, यह संस्थान अभिरप्रेरणा बने।

इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा आयुक्त मदन विभीषण नागरगोजे एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के.वी. राव सहित विभिन्न अधिकारी- कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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