पैरालीगल वॉलेंटियर्स अंतिम छोर तक वास्तविक रूप से विधिक जागृति पहुंचाने का कार्य करें: जस्टिस गुप्ता
- पैरालीगल वॉलेंटियर्स के लिये एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
ग्वालियर, 23 दिसंबर (हि.स.)। पैरालीगल वॉलेंटियर्स को वास्तविक रूप से पीएलव्ही की गरिमा के अनुरूप विधिक मर्यादा में रहते हुए अंतिम छोर तक विधिक जागृति पहुंचाने का कार्य करना है। नालसा व सालसा की योजनाओं के अंतर्गत पिछड़े हुये, अभावग्रस्त लोगों को लाभ प्रदान कराने के साथ साथ जन,जल,जंगल,जमीन और जानवर के संरक्षण और संवर्धन के लिये कार्य करना होगा। तभी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सार्थकता होगी।
यह विचार शनिवार को प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष पीसी गुप्ता ने पैरालीगल वॉलेंटियर्स के लिये आयोजित हुए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश पीसी गुप्ता ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज प्रमोद कुमार सिंह, जिला जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गालिब रसूल, जिला न्यायाधीश सुशील कुमार जोशी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चौधर सिंह शैय्याम, जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा, सिस्टम आफीसर पीयूष देशपांडे एवं चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल अरविन्द सिंह चौहान सहित पैरालीगल वॉलेंटियर्स, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी व डिफेंस काउंसिल्स उपस्थित रहे।
औपचारिक शुभारंभ के पश्चात पैरालीगल वॉलेंटियर्स के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गालिब रसूल द्वारा पीएलव्ही के कर्तव्य एवं कार्य, निःशुल्क विधिक सहायता, मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015, माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2015 एवं लोकोपयोगी सेवाओं की लोक अदालत के बारे में में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आरती शर्मा द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम,निषेध व निवारण अधिनियम) 2013 एवं भरण पोषण संबंधी उपबंधों से अवगत कराया।
व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड एवं पीठासीन अधिकारी श्रम न्यायालय क्रमांक -1 गिरीश शर्मा द्वारा बाल और कुमार श्रम प्रतिषेध अधिनियम बन्धित श्रम पद्धति (उत्सादन) अधिनियम,न्यूनतम मजदूरी कानून सहित विभिन्न श्रमिक विधियों के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया। कार्यक्रम में प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड रूपाली उइके ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006,किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं आदर्श नियम 2016 एवं किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति की कार्यविधि के संबंध में जानकारी दी।
कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा द्वारा लोक अदालत, विधिक साक्षरता शिविर, लीगल एड क्लीनिक, राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाएं एवं वन-स्टॉप सेंटर के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम में चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल द्वारा डिफेंस काउंसिल प्रणाली के संबंध में जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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