प्रकृति केन्द्रित है हमारे जीवन शैलीः दादा गुरू
जबलपुर, 28 मई (हि.स.)। संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में स्वास्थ्य विभाग महायोगी दादा गुरू के साधना पर शोध कर रहा है। इसके लिये अधिष्ठाता नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज द्वारा इस कार्य के लिये विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है। समिति जांच रिपोर्ट 3 सप्ताह उपरांत रजिस्ट्रार मेडिकल कौंसिल को प्रस्तुत करेगी। साथ ही यह निर्देश दिया गया कि उपरोक्त कार्य अत्यधिक सावधानीपूर्वक किया जाना है तथा दादा गुरू को 24 घंटे एवं 7 दिनों तक सतत् निगरानी रखी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि दादा गुरू 1319 दिनों से सिर्फ नर्मदा जल ही ग्रहण कर रहें है। ऐसी स्थिति में संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा उनपर शोध करने का निर्णय लिया है कि आखिर नर्मदा जल में ऐसे कौन से तत्व है जिससे कोई व्यक्ति इतने लम्बे समय तक बिना अन्न ग्रहण किये जीवित रह सकते है। दादा गुरू शोध के दौरान प्रतिदिन नर्मदा तट पर 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं। मंगलवार को छटवें दिन ग्वारीघाट से लेकर न्यू भेड़ाघाट तक पैदल यात्रा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे जीवन शैली प्रकृति केन्द्रित है और इस जीवनशैली को जीवन्त रखने की आवश्यकता है। मां नर्मदा की आस्था से भावी पीढ़ी को नई दिशा मिलेगी। इस शोध से मां नर्मदा की आसीम शक्ति को वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने खुशी जाहिर की कि उनकी जीवनशैली पर राज्य सरकार शोध करा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/विलोक
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