भेदभाव रहित समरस शक्तिशाली समाज का निर्माण हमारा लक्ष्य : ब्रजकांत

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भेदभाव रहित समरस शक्तिशाली समाज का निर्माण हमारा लक्ष्य : ब्रजकांत


आरएसएस के वर्ग का समापन

जबलपुर, 2 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निरंतर समाज को संगठित करने का कार्य करते हुए राष्ट्र के लिए सर्वस्व अर्पण करके आजीवन कार्य करने वाले लाखों कार्यकर्ताओं की श्रृंखला तैयार की है। आज समाज में पाँच परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। ये परिवर्तन हैं, भेदभाव रहित समरस समाज का निर्माण, पर्यावरण संरक्षण में हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी, परिवार व्यवस्था के मूल्यों दृढ़ करना, अपने देश संस्कृति का स्वाभिमान व स्वदेशी का आग्रह तथा नागरिक अनुशासन का पालन।

यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक ब्रजकांत ने रविवार को पाटन बायपास स्थित एम एम इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हम रानी दुर्गावती के जन्म की पंचशती और रानी अहिल्याबाई होलकर के जन्म की त्रिशताब्दी मना रहे हैं। ये माताएँ हमारा गौरव और प्रेरणा स्रोत हैं। इनके चरित्र का हम सबको अध्ययन करना चाहिए।

अग्निवीर योजना की चर्चा करते हुए ब्रजकांत ने इसे भारत की सुरक्षा और युवाओं के विकास की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण व अभूतपूर्व योजना बताया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा में जितना महत्व सेना , अर्धसैनिक बलों का है उतना ही राष्ट्रभक्त, अनुशासित नागरिकों का भी है। पर्यावरण संरक्षण के संघ के स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने सारे समाज को इनसे जुड़ने का आह्वान किया। इस दौरान प्रांत संघचालक डॉ प्रदीप दुबे, विभाग संघचालक , वर्ग के सर्वाधिकारी अनिल गुप्ता भी मंचासीन थे।

कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए वर्ग कार्यवाह विनोद जायसवाल ने बताया कि इस संघ शिक्षा वर्ग में प्रांत के 34 जिलों से 689 शिक्षार्थी प्रशिक्षण लेने आए। जिसमें सर्वाधिक संख्या में 18 से 35 वर्ष आयु के 530 प्रशिक्षार्थी शामिल हैं। 15 दिनों तक प्रातः 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक इन प्रशिक्षार्थियों ने शारीरिक, वैचारिक, सामाजिक , राष्ट्रीय विषयों तथा सेवा, श्रमदान आदि विषयों का प्रशिक्षण लिया।

कार्यक्रम का प्रारंभ भगवा ध्वज के आरोहण व प्रार्थना से हुआ। तत्पश्चात समता, संचलन (परेड), नियुद्ध (आत्मरक्षा), दंड (लाठी), योगासन, भारतीय रागों पर आधारित घोष (बैंड) तथा अनेक खेलों का प्रदर्शन प्रशिक्षार्थियों द्वारा किया गया। वर्ग प्रबंधक अखिलेंद्र सिंह द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान अनेक संत, पत्रकार, संघ के क्षेत्र व प्रांत के अधिकारी , सामाजिक क्षेत्र से जुड़े सैकड़ों बंधु भगिनी व हजारों नागरिक उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/विलोक पाठक/मुकेश

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