राम मंदिर अयोध्या में स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करें: एसीएस

राम मंदिर अयोध्या में स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करें: एसीएस
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राम मंदिर अयोध्या में स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करें: एसीएस


- रामकथा, रामभजन तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजन कराएं: एसीएस

सतना, 13 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान के स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस कार्यक्रम के संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भगवान राम सबके आदर्श हैं। भगवान राम के जीवन का धार्मिक ही नहीं सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम से अधिक से अधिक आमजनों को जोड़ने का प्रयास करें। इसके लिए 22 जनवरी तक लगातार कई कार्यक्रम आयोजित करें।

उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों में 14 जनवरी से 22 जनवरी तक विशेष साफ-सफाई अभियान चलाएं। धार्मिक स्थलों को आकर्षक रूप से सजाएं। प्रमुख मंदिरों तथा सार्वजनिक भवनों में 21 जनवरी से 26 जनवरी तक रोशनी की व्यवस्था कराएं। मंदिरों तथा अन्य प्रमुख सावर्जनिक स्थलों पर रामकथा, रामभजन, रामधुन तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करें। रामचरित मानस के अखण्ड पाठ का भी आयोजन किया जा सकता है।

सतना एनआईसी कक्ष में कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, अपर कलेक्टर ऋषि पवार, आयुक्त नगर निगम अभिषेक गहलोत, डीपीओ सौरभ सिंह, परियोजना अधिकारी डॉ गौरव शर्मा उपस्थित रहे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि इस संबंध में शासन द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। सभी कलेक्टर नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में निर्देशों के अनुसार कार्यक्रमों का आयोजन कराएं। इसके संबंध में जिला स्तर और तहसील स्तर पर जनप्रतिनिधियों, धार्मिक संगठनों तथा प्रमुख मंदिरों के पुजारियों के साथ बैठक करके कार्यक्रम का निर्धारण करें। विश्वविद्यालयों एवं प्रमुख महाविद्यालयों में भगवान राम से जुड़े विभिन्न आख्यानों पर निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, परिचर्चा आदि का आयोजन कराएं। स्थानीय कलाकारों के माध्यम से भगवान राम से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराएं। अयोध्या जाने के लिए जो विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं उनके यात्रियों को समारोह पूर्वक विदाई दें तथा वापस लौटने पर उनका स्वागत करें। जिले भर में भगवान राम तथा रामकथा पर आधारित चित्रकला, पोस्टर, रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित करें।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में भगवान के स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह सबके लिए गौरव और सम्मान का क्षण है। प्रत्येक नागरिक से इस दिन अपने घरों में दीपक जलाकर खुशी की अभिव्यक्ति करने का अनुरोध करें। सामाजिक संगठनों, धार्मिक संगठनों तथा आमजनता के सहयोग से प्रमुख धार्मिक स्थलों में 22 जनवरी को भण्डारे का भी आयोजन किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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