मप्र कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित, आला कमान करेगा नेता प्रतिपक्ष का चयन
- विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के कारणों पर भी हुई चर्चा
भोपाल, 14 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक हुई। भोपाल स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सुबह तकरीबन साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई बैठक में हालिया विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के कारणों के साथ विधायक दल के नेता के चयन को लेकर चर्चा की गई। बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया कि विधायक दल के नेता का चयन केंद्रीय नेतृत्व करेगा।
नेता प्रतिपक्ष के नाम की रायशुमारी के लिए बुलाई गई इस बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष जितेंद्र भंवर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, रामनिवास रावत, जयवर्धन सिंह, हेमंत कटारे सहित नवनिर्वाचित विधायक व पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित रहे। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ छिंदवाड़ा दौरे की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए। इसके साथ ही छिंदवाड़ा जिले के अन्य छह विधायक भी इस बैठक से नदारद रहे। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 66 विधायक निर्वाचित हुए हैं। इनमें छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है।
बैठक के वरिष्ठ विधायक राम निवास रावत ने प्रस्ताव रखा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और केंद्रीय नेतृत्व विधायक दल के नेता का चयन करें। रावत के इस प्रस्ताव का समर्थन कांग्रेस विधायक हीरा अलावा ने किया। इसके बाद सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास कर दिया गया। अब नेता प्रतिपक्ष के नाम पर निर्णय कांग्रेस आला कमान लेगा। बैठक के बाद सुरजेवाला और भंवर सिंह ने विधायकों से वन-टू-वन चर्चा भी की।
अजय सिंह सहित इन नेताओं की दावेदारी
विधायक दल के नेता के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित पांच नेताओं की दावेदारी है। इसमें युवा नेता ओमकार सिंह मरकाम, राजेंद्र कुमार सिंह, रामनिवास रावत, बाला बच्चन और उमंग सिंघार हैं। मरकाम का नाम सबसे बताया जा रहा है। वे पूर्व में मंत्री रहे हैं और आदिवासी वर्ग से आते हैं। हालांकि, विधायकों से रायशुमारी करने के बाद ही पार्टी नेतृत्व विधायक दल के नेता का चयन करेगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने छोड़ा पद
इधर, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने पद छोड़ दिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को लिखे पत्र में कहा है कि पार्षद से लेकर अलग-अलग मुख्यमंत्रियों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला। संगठन में जो दायित्व दिया गया, उसका पूरी ईमानदारी से निर्वहन किया। अब मैं इंदौर रहने लगा हूं और पारिवारिक दायित्व निभाना है। भोपाल में रहकर परिवार के प्रति न्याय नहीं कर पाऊंगा, इसलिए संगठन के पद छोड़ रहा हूं।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/सुनीत
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