महिलाओं को आर्थिक गतिविधि से जोड़ने के साथ योजनाओं का निरंतर अवलोकन और आंकलन जरूरी: मंत्री पटेल
- बालाघाट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री ने ली विभागीय समीक्षा बैठक
भोपाल, 20 जनवरी (हि.स.)। पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ग्रामीण विकास को नई ऊचाईयॉ देने के लिये प्रयोगधर्मी होने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि अर्द्धशहरी मॉडल को ग्रामीण क्षेत्रों में लागू करने का समय आ गया है। प्रयोगधर्मी होकर अच्छे कार्य से ग्रामीण विकास को नई दिशा दी जा सकती है। आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा गया है यह भविष्य में सबसे अच्छा मॉडल साबित हो सकता है। पिछले वर्षो में प्रारंभ की गई ऐसी गतिविधियों के निरंतर ऑकलन और अवलोकन की आवश्यकता है।
मंत्री पटेल शनिवार को बालाघाट में विभागीय समीक्षा में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देशित किया कि पीएम आवास योजना और आवास प्लस के बावजूद कोई गांव अगर छुट गये हैं, तो सभी जनपद सीईओ पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विशेष बैठक आयोजित कर जानकारी निकाले। उन्होंने श्रम विभाग की समीक्षा में निर्देश दिये कि पलायन कर गये श्रमिकों की जानकारी हमारे पास होना चाहिये कि वे किस कार्य के लिये कहाँ गये है। विभाग इसकी चिंता करते हुये पूर्व में दिये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।
मंत्री पटेल ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में बनायी गई सड़कों के मामले में स्पष्ट निर्देश दिये कि जिले की कनेक्टिविटी और बारहमासी सड़कों पर पुल निर्माण विभागीय स्तर पर पूर्ण करें। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-1 के चरण में सड़कों में बने रपटों के स्थान पर पुल निर्माण, वनग्राम होने से छुटे गांव के साथ-साथ सड़कों की स्थितियों के बारे में समीक्षा की। उन्होंने जिले की नक्सल प्रभावित गांव में सड़कों की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की।
मंत्री पटेल ने स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सामुदायिक स्वच्छता परिसर की समीक्षा करते हुये ग्रामीण विकास के अमले को प्रयोगधर्मी बनने को कहा। उन्होंने कहा कि कई गांव में पूर्व में निर्मित सीएससी अनुपयोगी साबित हो रहे हैं और इनको खंडहर होने से पहले कमर्शियल तौर पर उपयोग में लाएं। आवश्यकता समझें तो इसका कमर्शियल मॉडल स्थापित करते हुये युज एंड पे की तर्ज पर स्व-सहायता समूहों या अन्य को प्रदान करें। जिले में ऐसे 126 सीएससी बनकर तैयार है। उन्होंने इनकी पुन: समीक्षा कर ऑपरेशनल स्थिति में लाने के निर्देश दिये हैं।
मंत्री पटेल ने निर्देश दिये कि विभाग को जिले में स्थापित अति खतरनाक और कम खतरनाक उद्योगों की जानकारी रखनी चाहिये। अगर कहीं हादसा होने की संभावना है तो उससे पूर्व योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने विभागीय उपकर के बारे में निर्देश दिये कि विभाग अब ये कोशिश भी करें कि स्थानीय निकाय और अन्य विभाग जो निर्माण कार्य से जुड़े है वे कौन सा उपकर श्रम विभाग को देते है। इसकी भी सूची बनाकर उन्हें पृथक से भेजी जाये।
बैठक में क्षेत्रीय सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन, कटंगी विधायक गौरव पारधी, लांजी विधायक राजकुमार कर्राहे, परसवाड़ा विधायक मधु भगत उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा
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