आरजीपीवी घोटाले में नया खुलासा, दलित संघ के खाते में डाले गए थे 9.50 करोड़, व्यापारियों को दिए 1.34 करोड़ रुपये

आरजीपीवी घोटाले में नया खुलासा, दलित संघ के खाते में डाले गए थे 9.50 करोड़, व्यापारियों को दिए 1.34 करोड़ रुपये
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आरजीपीवी घोटाले में नया खुलासा, दलित संघ के खाते में डाले गए थे 9.50 करोड़, व्यापारियों को दिए 1.34 करोड़ रुपये


भोपाल, 9 मई (हि.स.)। राजधानी भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में हुए 19.48 करोड़ रुपये के घोटाले में एक नया खुलासा हुआ। आरजीपीवी के बैंक खाते से दलित संघ सोहागपुर के अकाउंट में 9.50 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इस राशि में से करीब 1.34 करोड़ रुपये व्यापारियों को दिए गए। व्यापारियों तक यह रकम दलित संघ के सचिव रतन उमरे के जरिए पहुंचाई गई है।

यह खुलासा मामले की जांच कर रही भोपाल की गांधीनगर पुलिस ने गुरुवार को किया है। साथ ही पुलिस ने इस मामले में संघ के सचिव रतन उमरे और कोषाध्यक्ष अशोक चौरसिया को आरोपी बना लिया है। उल्लेखनीय है यूनिवर्सिटी के अकाउंट में यह रकम स्टूडेंट्स द्वारा परीक्षा, नामांकन, रजिस्ट्रेशन सहित दूसरे प्रोसेस की फीस के रूप में जमा की थी।

गांधीनगर पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि दलित महासंघ सोहागपुर के खाते में यह राशि 23 जनवरी को 2023 ट्रांसफर की गई थी। बैंक खाते में रुपये क्रेडिट होने के कुछ घंटे बाद ही दलित संघ के सचित रतन उमरे और कोषाध्यक्ष अशोक चौरसिया ने 3.20 करोड़ रुपये निकाल लिए। इसके बाद 55 लाख 73 हजार 500 रुपये चेक के जरिए आहरित किए गए। साथ ही 25 लाख 65 हजार रुपये सचिव रामरतन ने अपने खुद के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में ट्रांसफर किए थे। इसकी पुष्टि पिपरिया स्थित आईसीआईसीआई बैंक के ब्रांच मैनेजर सुमित झारिया और एक्सिस बैंक के मैनेजर विनय वर्मा ने गांधी नगर पुलिस को दिए बयानों में की है।

बैंक मैनेजर सुमित झारिया ने पुलिस ने बताया कि दलित संघ के सचिव रतन उमरे ने यूनिवर्सिटी के खाते में आई रकम में से एक बड़े हिस्से को प्राइवेट बैंक में संचालित अपने स्वयं के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया था। इसी रकम को आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट से रतन उमरे ने एक करोड़ 34 लाख 48 हजार रुपये कई व्यापारियों को दिए थे। हालांकि, ये रुपये व्यापारियों को क्यों दिए गए, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो सका है।

बता दें कि हाल ही आरजीपीवी में 19.48 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया था। इस मामले में गांधीनगर थाना पुलिस ने आरजीपीवी के तत्कालीन कुलसचिव प्रो. आरएस राजपूत, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, कुलपति प्रो. सुनील कुमार, दलित संघ सोहागपुर के मयंक वर्मा (लाभार्थी), ऋषिकेश वर्मा की पत्नी सीमा वर्मा, एक्सिस बैंक पिपिरया के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर राम कुमार रघुवंशी, दलित संघ सोहागपुर के सह सचिव सुनील रघुवंशी के खिलाफ धारा 420,467,468, 120(बी) भादवि, 7, 13(1) (A), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। इनमें से अधिकांश लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और वे फिलहाल जेल में हैं। अब मामले में दलित संघ के सचिव रतन उमरे और कोषाध्यक्ष अशोक चौरसिया को भी आरोपी बना लिया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद

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