जबलपुरः एनडीआरएफ और रेलवे ने रेल हादसे को लेकर किया संयुक्त मॉक अभ्यास

जबलपुरः एनडीआरएफ और रेलवे ने रेल हादसे को लेकर किया संयुक्त मॉक अभ्यास


जबलपुरः एनडीआरएफ और रेलवे ने रेल हादसे को लेकर किया संयुक्त मॉक अभ्यास


जबलपुर, 13 अक्टूबर (हि.स.)। आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन योजना के तहत उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में शुक्रवार को रेल हादसे को लेकर भेड़ाघाट रेल्वे स्टेशन पर एनडीआरएफ और रेलवे ने संयुक्त मॉक अभ्यास किया। उप कमांडेंट अनिल कुमार पाल की अगुवाई में 11 एनडीआरएफ वाराणसी की टीम ने पश्चिममध्य रेलवे के अंतर्गत डीडीएमए जबलपुर, अग्निशमन, रेलवे कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के साथ संयुक्त रूप से रेल दुर्घटना पर एक मेगा मॉक अभ्यास किया।

मॉक एक्सरसाइज के दौरान ट्रेन दुर्घटना पर एक परिदृश्य तैयार किया गया था, जिसमें ट्रेन की दो बोगीयां ट्रैक से पलट कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थीं। तदनुसार, इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को घटना के बारे में सूचित किया गया, जिसने एनडीआरएफ के नियंत्रण कक्ष और सभी संबंधित हितधारकों को आपात प्रतिक्रिया के लिए सूचित किया गया। सतही पीड़ितों को प्रथम उत्तरदाताओं द्वारा सुरक्षित निकाल लिया गया। इसके अतिरिक्त कुछ लोग अंदर फंसे हुए थे। घटनास्थल पर पहुंचने पर एनडीआरएफ की टीम ने प्रारंभिक आकलन किया और साथ ही ऑपरेशन का बेस, कमांड पोस्ट, मेडिकल पोस्ट, कम्युनिकेशन पोस्ट स्थापित किए गए। आकलन के तुरंत बाद टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। विभिन्न कटिंग टूल्स एवं उपकरणों का इस्तेमाल कर ट्रेन के डिब्बों में ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज कटिंग कर घायलों को बाहर निकाला गया तथा विभिन्न रस्सी बचाव तकनीक के माध्यम से गंभीर रूप से घायलों को सुरक्षित निकाला गया। मेडिकल एजेंसियों द्वारा प्राथमिक उपचार देने के बाद सभी पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया गया। इस पूरे अभ्यास के दौरान इंसिडेंट रिस्पोंस सिस्टम के दिशा-निर्देशों पर जोर दिया गया और इसका पालन किया गया।

इस मॉक अभ्यास कोडीआरएम, एडीआरएम एवं सीनियर डीएसओ की उपस्थिति में आयोजित किया गया। इसके साथ ही डीडीएमए, आरपीएफ, जबलपुर यार्ड के अधिकारी, तकनीकी विंग एवं अन्य कर्मचारी, राजस्व, स्वास्थ्य, अग्निशमन सेवा, होमगार्ड, स्काउट एवं गाइड, जीआरपी, नागरिक सुरक्षा, एसडीआरएफ, मीडियाकर्मी और स्थानीय लोगों ने भाग लिया। मॉक एक्सरसाइज का उद्देश्य सभी हितधारकों के बीच समन्वय बनाना, उपचारात्मक उपाय करना, संसाधनों की दक्षता की जांच करना और प्रतिकूल स्थिति में बचाव कार्यवाही को परखना था। जिससे किसी भी रेल दुर्घटना में त्वरित कार्यवाही करते हुए मानव जीवन को बचाया जा सके। एनडीआरएफ बचावकर्ताओं द्वारा प्रदर्शित पेशेवर कौशल की रेलवे प्राधिकरण और जिला प्रशासन द्वारा अत्यधिक सराहना की गई।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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