नरसिंहपुर जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
नरसिहंपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। पेयजल एवं अन्य निस्तार समस्याओं को देखते हुए जनता को पेयजल प्रदाय बनाये रखने एवं बढ़ाने के लिए पेयजल का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए तथा जनता की आवश्यकता की पूर्ति के लिए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी शीतला पटले ने गुरुवार को मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधन अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत जनहित में जिले की समस्त विकासखंडों के ग्रामीण और नगरीय, शहरी क्षेत्रों को तत्काल प्रभाव से जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है, जो 30 जून 2025 तक की अवधि के लिए लागू होगा। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के प्रावधानों के तहत एक पक्षीय तौर पर पारित किया गया है।
जारी आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्त्ति बिना अनुमति के जल अभावग्रस्त क्षेत्र में किसी भी शासकीय भूमि पर स्थित जल स्रोतों में पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रयोजनों के लिये नहरों में प्रवाहित जल के अलावा अन्य स्रोतों का जल दोहन किन्ही भी साधनों द्वारा जल का उपयोग नही करेगा। जिले की समस्त विकासखण्डों एवं नगरीय क्षेत्रों की समस्त नदियों, नालों, स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य जल स्रोतों का उपयोग एवं घरेलू प्रयोजन हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किया गया है। जिले के जल अभावग्रस्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राईवेट ठेकेदार अनुविभागीय राजस्व अधिकारी के पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप का निर्माण नहीं करेगा। यह आदेश शासकीय नलकूप खनन पर लागू नही होगा।
जारी आदेश में कहा गया है कि जिन व्यक्तियों को अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य कराना है, उन्हें ऐसा करने के लिये निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को आवेदन करना होगा। इस कार्य के लिए जिले के जल अभावग्रस्त क्षेत्र के समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को उनके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सक्षम अधिकारी प्राधिकृत किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी अनुमति देने के पूर्व आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर लेवें तथा अनुमति दिये जाने के संबंध में संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से अभिमत/ अनुशंसा प्राप्त करेंगे। खनित नलकूप असफल होने पर नलकपों में से केसिंग नहीं निकाली जायेगी। नलकूप में केप लगाकर चारों ओर 0.50x0.50x0.60 मीटर के साईज का सीमेंट कांकीट ब्लॉक बनाना अनिवार्य होगा।
सार्वजनिक पेयजल स्रोत सूख जाने के कारण वैकल्पिक रूप से दूसरा कोई सार्वजनिक पेयजल स्रोत उपलब्ध नहीं होने पर जनहित में संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्रोत को पेयजल परिरक्षण संशोधित अधिनियम 2002 के प्रावधानों और उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-9 (मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण (संशोधन) अधिनियम 2022 के द्वारा संशोधित) एवं भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
जारी आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, सभी थाना प्राभारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के समस्त फील्ड स्तर के अधिकारी- कर्मचारी, सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों, सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी को कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि ग्रीष्म ऋतु में नरसिंहपुर जिले के औसत भू-जल स्तर में गिरावट हुई है। सिंचाई इत्यादि कार्यों में भू-गर्भीय जल का अत्यधिक दोहन होने के कारण पेयजल स्रोतों के जलस्तर में कमी आयी है। इस कारण जिले के समस्त विकासखण्ड एवं नगरीय/ शहरी क्षेत्रों के नलकूपों एवं अन्य जल स्रोतों के जल स्तर में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे जिले में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने की संभावना है। पेयजल संकट की स्थिति को देखते हुये उनके द्वारा अनुशंसा की गई है कि निजी नलकूप खनन में पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जावे, जिससे सार्वजनिक पेयजल स्रोतों की क्षमता प्रभावित न हो। जनहित में पेयजल एवं अन्य निस्तार समस्याओं को देखते हुये जनता को पेयजल प्रदाय बनाये रखने एवं बढ़ाने के लिये, पेयजल का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिये तथा जनता की आवश्यकता की पूर्ति के लिये सम्पूर्ण जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए। इस पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने उक्त आदेश जारी किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

