उज्जैैनः उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने सांसद के पाले में डाली नागदा को जिला बनाने की  गेंद

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उज्जैैनः उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने सांसद के पाले में डाली नागदा को जिला बनाने की  गेंद


नागदा, 10 अगस्त (हि.स.)। उज्जैन जिले में स्थित नागदा को जिला बनाने की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की घोषणा के बावजूद अधर में लटका यह मामला शनिवार को उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की मौजूदगी में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया की जुबां पर आया। कार्यक्रम एक पेड मां के नाम कृषि उपजमंडी परिसर में आयोजित था। सांसद ने अपनी अपने मंशा का इजहार करते किसी बात के संदर्भ में कहा कि आगे-पीछे नागदा जिला बनेगा। कार्यक्रम के एक घंटे बाद उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की एक पत्रकार वार्ता हुई, जिसमें यह सवाल उठा कि सांसद ने नागदा को जिला बनने की संभावना प्रकट की है। क्या यह संभव है। उपमुख्यमंत्री ने दो टूक जवाब में कहा सांसद की मंशा है तो पूरी होगी। उपमुख्यमंत्री ने बाद में केंद्र सरकार के बजट की उपलब्धियों को बताने के लिए एक प्रेसवार्ता में पत्रकारों से रूबरू हुए थे।

जिले की मांग सुर्खियों में

गौरतलब हैकि नागदा को जिला बनाने का मामला इन दिनों क्षेत्र में सुर्खियों में बना हुआ है। इधर, सता पक्ष के क्षेत्र के भाजपा विधायक डॉ.’ तेजबहादुरसिंह चौहान गत दिनों स्पष्ट कर चुके हैकि नागदा के जिले बनने की फिलहाल संभावना नहीं है। कारण मप्र में प्रत्येक जिला, तहसील पुलिस थाना आदि की सीमाओं का नवीन परिसीमन पर कार्य होना है, इसलिए इस मांग की संभावना पर पूर्ण विराम लगाने की बात कही थी। लेकिन हाल में छिंदवाड़ा जिले से जूनारदेव का नवीन जिला बनाने की लिए शासन द्धारा मांगे प्रस्ताव के बाद इस मसले को लेकर क्षेत्र में बखेड़ा हुआ है। कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह गुर्जर ने ज्ञापन देकर यह मसला उठाया कि जुनारदेव को नया जिला बनाने का प्रस्ताव मांगा गया है। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नागदा को जिला बनाने की धोषणा 20 जुलाई 2023 को यहां विधानसभा चुनाव के पहले सार्वजनिक मंच से की थी। जिस पर दावे- आपतियों का निराकरण भी हो चुका है। लेकिन आगे की प्रकिया अधर में लटकी हुई है। सरकार 15 अगस्त के पहले अधिसूचना जारी करें।

250 किमी पैदल यात्रा

इसी प्रकार से गत विधानसभा चुनाव के पहले इसी मांग को लेकर नागदा से भोपाल तक 250 किमी की पदयात्रा करने वाले युवा कांग्रेस नेता बंसत मालपानी ने भी इस मांग के समर्थन में हाल में विधार्थियों की एक प्रतियोगिता आयोजित की है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से ऑन लाईन प्रविष्टियां आंमत्रित की है। जिसका विषय नागदा को जिला बनाने से कितना विकास संभव है उस पर छात्र-छात्राओं के विचार आंमंित्रत किए गए हैं। गौरतलब हैकि यह मांग वर्ष 2008 से लगातार उठ रही है। कमलनाथ सरकार में मंत्रिमंडल में 18 मार्च 2020 को नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। बाद में सरकार गिरने से आगे की कार्यवाही नहीं हुई। गत विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज ने नागदा को जिला बनाने की घोषणा पूर्व में दो बार की थी। पिछली घोषणा के बाद आगे की कार्यवाही तीव्र गति से आगे बढी और दावे आपतियां आंमत्रित की गई। जिनका निराकरण भी हुआ। लेकिन नवीन सरकार के गठन के लगभग 8 माह बाद भी यह मांग ठंडे बस्ते में है। इधर क्षेत्र के विधायक डॉ चौहान ने स्पष्ट खुलासा कर दिया कि प्रदेश में भोगोलिक सीमाओं को नवीन परिसीमन का कार्य होगा इस कारण इस मांग पर फिलहाल अमल होना असंभव है। उपमुख्य मुख्यमत्री के प्रेस वार्ता में स्थानीय समस्याओं के अलावा प्रदेश के मसलों पर भी सवाल किए।

हिन्दुस्थान समाचार / कैलाश स्नोलिया / मुकेश तोमर

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