नागदाः छेड़छाड़ की घटना में रिपोर्ट नहीं में लिखने पर हिंदूवादी नेताओं ने किया थाना परिसर में प्रदर्शन
- थाना प्रभारी के स्थानांतरण व अन्य मांगों को लेकर रात 8 बजे तक चलता रहा धरना
नागदा, 28 दिसबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा शहर में रविवार शाम को छेड़छाड़ की एककी घटना से माहोल गरमा गया। पुलिस द्वारा समय पर रिर्पोट नहीं लिखने से गुस्साये हिन्दू संगठन के लोगों ने थाने के बाहर चौराहे पर धरना दिया। मामला बढता देख सीएसपी आईपीएस विक्रम अहिरवार, एसडीएम रंजना पाटीदार मौके पर पहुॅंची, लेकिन हिन्दू संगठन के लोग अपनी मांग पर अडे रहे। खबर लिखे जाने रात 8 बजे तक धरना प्रदर्शन जारी था। आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), हिन्दू जागरण मंच, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, अभा क्षत्रिय महासभा, भाजपा महिला मोर्चा, युवा मोर्चा के कार्यकर्ता मौजूद थे।
क्या है मामलाजन्मेजय मार्ग मिर्ची बाजार स्थित एक निजी क्लिनिक पर राजपूत समाज की युवती नर्स का कार्य करती है। क्लिनिक के आस-पास कुछ लोग खडे होकर आये दिन युवती के साथ छेडखानी करते थे, उसे अश्लील इशारे करते हैं। कई बार क्लिनिक के संचालक डॉ. नरेन्द्र डोरवाल ने उन्हें समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वह नहीं माने। रविवार को भी कुछ लोगों ने इस तरह की हरकत की तो डॉक्टर डोरवाल उन्हें समझाने गए तो युवकों ने अपने दोस्तों को बुलाकर डॉक्टर एवं नर्स को डराने धमकाने का प्रयास किया। मौके पर काफी भीड जमा हो गई, चुंकि जिस क्षेत्र में घटना हुई वह वर्ग विशेष का क्षेत्र है। मामला बढता देख डॉक्टर युवती को लेकर पुलिस थाने रिपोर्ट लिखवाने पहुंचे। थाना परिसर में ही आरोपी पक्ष की ओर से करीब 30-40 लोग थाने पर आ गए। रिपोर्ट लिखाते समय एक पुलिस आरक्षक जितेन्द्र राठौड ने पीडिता को समझौता करने को कहा, जिससे हिन्दू संगठन के लोग व पीडित उग्र हो गए और पीडिता और आरक्षक में हॉट टॉ्क भी हो गई। थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी ने बाद में आकर हिन्दू संगठन के लोगों को थाने से बाहर जाने को कहा, लेकिन आरोपी पक्ष की और से कुछ लोग थाने पर ही जमा थे, जिससे हिन्दू संगठन के लोग भडक गए।
शाम तक नहीं लिखी रिपोर्टथाना प्रभारी ने दोपहर 3 बजे हिन्दू संगठन के लोगों को कहा कि वह यहॉं से जाएं रिपोर्ट लिख ली गई है। अन्य थाने से महिला एसआई आएंगी उसके बाद रिपोर्ट दे दी जाएगी, लेकिन शाम 6 बजे तक कोई भी एसआई नहीं आई और ना ही पीडिता को रिपोर्ट दी गई। जिसके बाद हिन्दू संगठन के लोग भडक गए और थाने चौराहे पर जाकर धरना दे दिया। धरना प्रदर्शन की खबर शहर में आग की तरह फैल गई, देखते ही देखते मौके पर काफी भीड जमा हो गई और नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद शाम 7 बजे सीएसपी मौके पर पहुॅंच तथा आंदोलनकारियों से बात करना चाही, लेकिन आंदोलनकारियों ने बात नहीं की। नागझिरी थाने से एक महिला एसआई आई और पीडिता के बयान लिए और उसकी रिपोर्ट पर तीन आरोपी बिलाल एहमद, नासीर, अली के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया।
यह रखी मांगेखबर लिखे जाने तक धरना प्रदर्शन चल रहा था। आंदोलनकारियों की मांग थी कि थाने में पीडितों को न्याय समय पर नहीं मिलता है। आरक्षक जितेन्द्र राठौड को निलंबित किया जाऐ। थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी का स्थानांतरण किया जाए, चारों आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उनका जुलूस निकाला जाए तथा एसपी नागदा आकर मांगों को सुने। यह मांग को लेकर संगठन के लोग अडे हुए हैं।
यह थे मौजूदआंदोलन में विहिप के रोशन शुक्ला,रमेश प्रजापत, देवेन्द्र सेन, कमल माली, विनोद माली, नरेन्द्र माली, भोला बैरागी, हिन्दु जागरण मंच के जिला संयोजक गोपाल पाटीदार, अजय जाटवा, मोनू ठक्कर, दीपक चौधरी, अनिल व्यास, आरएसएस के विभाग के अधिकारी विशाल बहल, जिले के अधिकारी मनीश सेन, रवि रघुवंशी, युवा मोर्चा के लक्की गुर्जर, भवानीसिंह देवडा, भाजपा महिला नेत्री पुष्पा रघुवंशी, अभा क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भैरूसिंह चौहान, यशपालसिंह सिसौदिया, सुमित तंवर आदि थे।
हिन्दुस्थान समाचार / कैलाश सनोलिया

