मंदसौरः मुमुक्षु नमनकुमार बने मुनिराज निर्मलरूचि विजयजी म.सा.
मन्दसौर, 14 दिसंबर (हि.स.)। शनिवार को संजय गांधी उद्यान में आराधना भवन जैन श्रीसंघ के तत्ववधान में मुमुक्षु नमनकुमार पियुषभाई कोचर का जैन भागवती दीक्षा महोत्सव सम्पन्न हुआ। महाराष्ट्र के मलकापुर क्षेत्र के निवासी पियुषभाई कोचर व हर्षा बेन कोचर की एकलौती 18 वर्षीय संतान नमनकुमार ने आचार्य जिनसुंदरसूरिश्वरजी म.सा. व आचार्य धर्मबोधिसूरिश्वरजी म.सा. आदि ठाणा 13 एवं साध्वी शीलमाला, साध्वी विनय रेखा श्रीजी व भक्ति रेखाश्रीजी म.सा. एवं जैन संत योगरूचि विजयजी म.सा. व तत्वरूचि विजयजी म.सा. की पावन निश्रा में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण की।
प्रात: 7 बजे प्रारंभ हुई दीक्षा की विधि प्रात: 11.30 बजे तक चली। इस विधि में मुमुक्षु नमनकुमार कोचर का नामकरण संस्कार, उनका केशलोच, वेशभूषा परिवर्तन एवं मुमुक्षु को जैन साधु के उपकरण बैराने की पूरी विधि की गई। जैसे ही मुमुक्षु ने रजोहरण को आचार्य जिनसुंदरसूरिश्वरजी के हाथों से स्वीकार किया चहूं और मुमुक्षु के जयकारे गुंज उठे। आचार्यश्री की प्रेरणा से जैन भागवती दीक्षा लेने वाले मुमुक्षु को हजारों श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति में नामकरण किया गया। मुमुक्षु नमनकुमार अब मुनिराज निर्मलरूचि विजयजी के नाम से जाने जायेंगे तथा वे जैन साधु के सभी आचार विचार व अन्य क्रियाओं का प्रतिदिन पालन करेंगे।
कल दीक्षा मोत्सव के एक ओर सुखद संयोग भी देखने को मिला। मुमुक्षु ने 14 दिसम्बर को आचार्य श्री के 14वें शिष्य के रूप में दीक्षा ली। आचार्य श्री के द्वारा भी यह 14वां दीक्ष प्रदान की गई। दीक्षा महोत्सव के प्रारंभ में नगर सेठ बनने की बोली लेने वाले लाभार्थी परिवार निल कुमार, मुकेश कुमार धींग लदूना वाला परिवार ने आचार्य श्री से दीक्षा विधि प्रारंभ करने की विनती की। इस मौके पर उत्तमभाई (दावणगिरी) व जिनय चावला (सूरत) ने भी दीक्षा विधि सम्पन्न कराने में विधिकारक के रूप में सहयोग प्रदान किया। दीक्षा महोत्सव के पूर्व नवकारसी का आयोजन हुआ जिसका लाभ आराधना भवन ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. सरदारमल धाकड़ व उनके परिवार ने लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया
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